पटना. राज्य में गंगा, कोसी, पुनपुन, बूढ़ी गंडक, गंडक, सोन और बागमती जैसी नदियां पूरे उफान पर हैं. कई जगहों पर एनएच पर पानी चढ़ गया है. उफनाई नदियां अपना दायरा तोड़कर सड़कों, गांवों और खेतों में फैलती जा रही हैं. गंगा बक्सर से लेकर कहलगांव तक खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
पटना शहर पर बाढ़ का खतरा लगातार मंडरा रहा है. शहर के सभी प्रमुख गंगा घाटों पर पानी काफी बढ़ चुका है. गांधी घाट पर बुधवार को गंगा का जल स्तर 15 सेंटीमीटर और बढ़ गया. विशेषज्ञों के मुताबिक अगर पानी इसी रफ्तार से बढ़ा या सुरक्षा दीवार में कहीं कोई समस्या आ गयी, तो अगले तीन से चार दिनों में घाटों से लगती सड़कों तक पानी पहुंच सकता है.
इसके मद्देनजर शहर के तीन गंगा घाटों-गांधी घाट, भद्र घाट व महावीर घाट को आम लोगाें के लिए बंद कर दिया गया है. वहीं, सभी स्लुइस गेटों को भी बंद करा दिया गया है. ऐसे में अगर तेज बारिश भी हो गयी, तो शहर में जल निकासी की समस्या हो सकती है. इससे निबटने के लिए जिला प्रशासन ने बुडको को सभी संप हाउस को लगातार चालू रखने और उसकी निगरानी करने का निर्देश दिया है.
पटना के दीघाघाट में गंगा खतरे के निशान से 73 सेंटीमीटर ऊपर, हाथीदह में 114 सेंमी ऊपर, मुंगेर में चार सेंमी ऊपर और कहलगांव में 91 सेंमी ऊपर बह रही है. सोन का जल स्तर मनेर में खतरे के निशान से 72 सेंटीमीटर, तो पुनपुन का जल स्तर श्रीपालपुर में खतरे के निशान से 172 सेमी ऊपर था. उधर, जल संसाधन विभाग ने सुपौल जिले के डगमारा में मार्जिनल बांध को छोड़कर राज्य के अन्य बांधों को सुरक्षित होने का दावा किया है.
गंगा नदी का जल स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. इससे शाहपुर बड़हरा प्रखंड के लोग चिंतित हैं. अब बिहिया प्रखंड में भी बाढ़ का असर दिखने लगा है. बिहिया की कल्याणपुर व पिपरा पंचायतें बाढ़ की चपेट में आ गयी हैं. अब तक तीन प्रखंड प्रभावित हो गये हैं.
बक्सर में गंगा समेत सहायक नदी कर्मनाशा के जल स्तर में बढ़ोतरी जारी है. गंगा खतरे के निशान से 60 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. सिमरी, चौसा, चक्की, ब्रह्मपुर व बक्सर प्रखंड के कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गये हैं. बक्सर शहर के कई रिहाइशी इलाकों में पानी पहुंच गया है.
कोसी-पूर्व बिहार व सीमांचल में गंगा व कोसी नदी जबरदस्त उफान पर हैं. जगह-जगह पुल व सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. मुंगेर, लखीसराय व भागलपुर ज्यादा प्रभावित हैं. इसके साथ ही पूर्णिया, कटिहार, अररिया आदि जिलों के कुछ नये क्षेत्रों में पानी प्रवेश कर गया है. भागलपुर शहर में गंगा खतरे के निशान से 37 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.
सबौर में एनएच 80 पर स्थित घोषपुर पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर की टूटी चहारदीवारी से गंगा का पानी तेज गति से घुसने लगा है. लखीसराय में सूर्यगढ़ा से शाम्हो का सड़क संपर्क भंग हो गया है. इसी तरह मुंगेर में भी बाढ़ का संकट गहरा गया है.
बाढ़ का पानी जुड़ावनपुर थाना कैंपस में प्रवेश कर गया है. बाढ़ की वजह से राघोपुर प्रखंड और अंचल कार्यालय को दीदारगंज में शिफ्ट कर दिया गया है.
Posted by Ashish Jha