पटना . अब जिलों में हर माह होने वाले दर्ज होने वाले आपराधिक कांड, लंबित कांड और एक माह में निष्पादित होने वाले मामलों की रिपोर्ट गृह विभाग को देनी होगी. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने सभी जिलों के डीएम, एसएसपी व एसएसपी को पत्र लिख कर यह निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा है कि राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान अभियोजन निदेशालय और पुलिस मुख्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों में भिन्नता पायी गयी है. जिलों में कुल लंबित और निष्पादित कांडों का आंकड़ा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. इस विषमता को दूर करने के लिए जिलों से हर माह कांडों की जानकारी देनी होगी.
गृह विभाग के निर्देश के अनुसार जिलों को तीन तरह के डेटा उपलब्ध कराने होंगे. इसमें मासिक कार्य विवरणी के तहत सभी अभियोजकों और अभियोजन पदाधिकारियों द्वारा सभी प्रकार के वादों के लिए मासिक कार्य विवरणी देनी होगी. इसके अलावा जिलों में लंबित और निष्पादित कांडों की समेकित रिपोर्ट देनी होगी.
माह के प्रथम दिन लंबित व निष्पादित कांड की जानकारी देनी होगी और माह के अंतिम दिन लंबित व निष्पादित कांड की जानकारी व सजा विवरणी की रिपोर्ट देनी होगी. जिलों में गठित अभियोजन कार्यालय को रिपोर्ट देनी होगी. हर माह एसपी सजा विवरणी का डेटा अभियोजन कार्यालय का उपलब्ध करायेंगे.
गृह विभाग ने रिपोर्ट भेजने के लिए 20 पेज का एक फाॅर्मेट भी तैयार किया है. इसमें भाग एक में सजा से लेेकर जमानत, सुलहनामा, रिहा अभियुक्त, निष्पादित व प्रथम दिन का लंबित कांड आदि की रिपोर्ट देनी है. भाग दो में विचाराधीन कांडों की रिपोर्ट देनी होगी. भाग तीन में सजा की विवरणी देनी होगी.
भाग चार में सजा की विवरणी, स्पीडी ट्रायल के मामले, लंबित व निष्पादित कांडों की समेकित विवरणी आदि, सामान्य वाद के तहत मजिस्ट्रेट, सत्र, विशेष, न्यायालय में लंबित एवं निष्पादित मामलों की जानकारी देनी होगी.
Posted by Ashish Jha