पटना. राजस्व व भूमि सुधार विभाग भूमि विवादों का हल निकालने के लिए सर्वसम्मति के विकल्प पर विचार कर रहा है. परिवार के आधे सदस्य सहमति से समझौता करने को तैयार होते हैं, तो उसके अनुसार बंटवारा आदि कर मामले का निस्तारण कर दिया जायेगा.
अभी जमीन के विवादों में प्रभावित पक्ष की सर्वसम्मति न होने से राजस्व अधिकारी निर्णय नहीं लेते हैं, जिससे विवादों का निबटारा नहीं हो पा रहा है. अभी अदालतों को ही इस तरह के मामलों में निर्णय लेने का अधिकार है.
राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार ने कहा है कि भूमि विवादों के कारण बहुत अधिक समस्याएं आ रही हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मंशा है कि इन विवादों को खत्म करने के लिए हर संभव नीति, तकनीकी और कानून का सहारा लिया जाये. भूमि संबंधी सुधार के लिए बेहतर-से-बेहतर प्रयास किये जा रहे हैं.
इसी कड़ी में सर्वसम्मति के विकल्प पर विचार किया जा रहा है. राजस्व मंत्री ने कहा कि अभी विवाद कोर्ट के जरिये सुलझाये जाते हैं. अपना हित प्रभावित होने पर असंतुष्ट पक्ष उच्च अदालत में चला जाता है. कई मामलों में भू-माफिया ने निचली अदालत के फैसले को हाइकोर्ट में रुकवा दिये हैं. इससे विवाद खत्म नहीं होता है.
वर्षों तक कोर्ट-कचहरी होती रहती है. मंत्री ने सुझाव दिया कि सहमति का कानून बने. यदि किसी भू-संपत्ति के 10 हिस्सेदार हैं. उनमें विवाद चल रहा है, तो ऐसा 50 या 60 फीसदी हिस्सेदार किसी तरह के निर्णय को लेकर सहमत हैं, तो विवाद खत्म करने के लिए बहुमत के आधार पर निर्णय लिया जायेगा.
राजस्व व भूमि सुधार विभाग उनसे एक सहमति पत्र बनाकर लेगा और उसके आधार पर प्रक्रिया पूरी करेगा. इसके लिए वर्तमान कानून में संशोधन किया जायेगा. किसी के साथ भेदभाव न हो, पारदर्शिता रहे, इसके लिए स्थानीय स्तर पंचायत के प्रतिनिधि मुखिया, पूर्व मुखिया आदि चकबंदी सुधार के लिए गठित कमेटी की मदद ली जायेगी . यह योजना अभी पाइपलाइन में है. जल्दी ही फैसला किया जायेगा.
Posted by Ashish Jha