पटना . राज्य में किसानों को गरमा बीज समय से नहीं मिल सका है. सरकार ने किसानों के वितरण के लिए जिलों को गरमा मूंग का जितना बीज वितरण के लिए दिया था, अधिकारी उसका आधा भी वितरित नहीं करवा सके हैं. यह हाल तब है जब कम सब्सिडी मिलने के कारण लक्ष्य पहले से ही कम कर दिया गया है. कृषि निदेशक ने अधिकारियों को टारगेट समय से पूरा करने के निर्देश दिये हैं.
राज्यभर के किसानों को मूंग का 3221 क्विंटल बीज का वितरण किया जाना है. इसके विपरीत 2058 क्विंटल बीज का आवंटन किया गया. वहीं, मार्च में जिलों में 1885 क्विंटल बीज ही पहुंचा था. कृषि विभाग का मानना है कि लक्ष्य के कम आवंटन का कारण 10 वर्षों से अधिक के प्रभेदों पर कम सब्सिडी मिलना है.
कई जिलों में जिला कृषि पदाधिकारियों द्वारा ओटीपी ही जारी नहीं गया था. इस कारण 15 मार्च से पहले तक मूंग का बीज किसानों तक मात्र 20 क्विंटल ही पहुंचा था. उड़द के बीज की बात करें, तो 380 क्विंटल लक्ष्य के विरुद्ध 80.22 क्विंटल आवंटन किया गया है. मक्का में 2400 क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य है. 582.95 क्विंटल का आवंटन किया गया है. इसमें जिलों को 581 क्विंटल बीज उपलब्ध करा दिया गया है.
किसानों की फसल में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपायी के लिए सरकार की महत्वाकांक्षी योजना कृषि इनपुट सब्सिडी को लेकर जिला स्तरीय अधिकारी संवेदनशीलता नहीं दिखा रहे हैं.
अपर समाहर्ता और जिला कृषि पदाधिकारियों के बीच सामंजस्य की कमी देखने को मिल रही है. इसी का परिणाम में किसानों के एक- एक जिला में हजारों आवेदन लंबित हैं. कृषि निदेशालय ने इस कमी को दूर करने के लिए पदाधिकारियों को आगाह किया है.
विशेष सचिव स्तर के पदाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गयी है कि वह लंबित आवेदनों को जल्दी- से -जल्दी निष्पादित कराएं ताकि किसानों को योजना का लाभ मिल सके. डीबीटी के जरिये उनके खाते में सहायता राशि भेजी जा सके. कृषि सचिव डॉ एन सरवण कुमार ने हाल ही में कृषि इनपुट सब्सिडी की समीक्षा की थी.
सुपौल में कृषि समन्वयक स्तर पर 7,755 आवेदन एवं कटिहार में 694 आवेदन लम्बित हैं. अधिक संख्या में आवेदन लम्बित रहने के कारण जिला कृषि पदाधिकारी, सुपौल से कहा गया है कि वह संबंधित पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगे. कटिहार में जिला कृषि पदाधिकारी स्तर पर 28,633 आवेदन, पूर्णिया जिला में जिला कृषि पदाधिकारी स्तर पर 33046 आवेदन लम्बित हैं. कुछ अन्य जिलों में भी कमोवेश यही स्थिति है. इन दोनों जिले में एक सप्ताह का समय देकर मामले निष्पादित करने का निर्देश दिया गया है. विशेष सचिव इसकी समीक्षा करेंगे.
खरीफ 2020-21 में अपर समाहर्ता के स्तर पर 13 लाख 77 हजार 676 आवेदन ही स्वीकृत किये गये हैं. लाभुक किसानों के खाते में 567 करोड़ 67 लाख 67 हजार रुपये का भुगतान किया जा चुका है. जिन किसानों को 25 हजार या इससे अधिक की धनराशि का भुगतान किया जाना है उनको अनुदान राशि देने के लिये सरकार से अनुमोदन लेना बाकी है. इसके लिये संचिका तैयार की जा रही है, मंजूरी मिलते ही भुगतान कर दिया जायेगा.
Posted by Ashish Jha