पटना: बिहार में बेमौसम बारिश दलहन और तेलहन की फसलों पर आफत बनकर पड़ी है. बिहार में तीन दिन से हो रही बारिश से किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है. खेतों में खड़ी सरसों, मसूर, चना, मटर और गेहूं की फसल चौपट हो गयी है, बारिश होने के कारण इस साल गेहूं, दलहन और तेलहन के उत्पादन में 50 से 60 प्रतिशत कमी आएगी, जिससे इस साल दलहन और तेलहन के दाम बढ़ सकते है. बारिश और आंधी-तूफान से फसल बर्बाद होने के बाद किसानों को पूंजी निकालने की चिंता सताने लगी है. किसानों के अरमानों पर बारिश ने पानी फेर दिया है. तीन दिन से लगातार हो रही बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. मौसम विभाग के अनुसार बिहार में अगले 24 घंटे तक तेज हवा के साथ बारिश होगी. बिहार के कई जिले में ओलावृष्टि हुई है. वही ठनका गिरने से प्रदेश में चार लोगों की मौत हो गयी है.
तेज हवा और बारिश से झड़ गए अरहर के फूल
तेज हवा और बारिश के कारण अरहर के फूल झड़ गये है. इस समय अरहर के पौधों में फूल लगना ही शुरू हुआ था. बारिश और ओलावृष्टि के कारण दलहन के उत्पादन पर बुरी तरह से असर पड़ेगा. खेतों में खड़े और खलिहान में रखे सरसों भीग गये है. जिस कारण चना, मटर, सरसों, गेहूं के साथ आम और लीची के उत्पादन पर भी असर पड़ेगा. इस बारिश से जो फसल कट गये हैं, उनका काफी नुकसान होगा, जो पककर तैयार हैं उनको भी नुकसान पहुंचा है. जो गेहूं अभी अधपके हैं, उस पर बारिश का असर कम होगा. हालांकि बिहार में 90 प्रतिशत खेतों में गेहूं की फसल पक गये हैं.
किसान कर रहे थे फसल काटने की तैयारी
बिहार में सरसों, मसूर, मटर, गेहूं की फसल पक कर तैयार हो गयी थी. किसान अब फसल काटने की तैयारी कर रहे थे. बिहार के कई जिलों में फसल काटकर खलिहान में भी रखा गया है. मार्च में बारिश होने के कारण सब्जी भी महंगी हो जायेगी. सब्जी की खेती पर भी बारिश का असर पड़ा है. टमाटर के खेतों में पानी भर गया है, जिससे टमाटर के उत्पादन में भारी कमी आयेगी. तीन दिन से हो रही बारिश के कारण खेत और खलिहानों में पानी भर जाने से सभी फसल नष्ट हो गया है. गेहूं की फसल खेतों में गिर गया है. बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है.
बेमौसम बारिश से आम और लीची के उत्पादन में आएगी कमी
आंधी-बारिश के कारण बिहार के कई जिलों में लगे आम, लीची, केला, गेहूं, दलहन, मक्का, तेलहन को भारी नुकसान हुआ है. हवा के झोंकों से आम-लीची के मंजर झड़ गये हैं. जिस कारण किसानों की चिंता में बढ़ गयी है. इस समय आम के मंजर लगा है, ओलावृष्टि के कारण काफी मात्रा में आम और लीची के मंजर झड़ गये है. जिससे इस साल आम और लीची के उत्पादन पर असर पड़ेगा.