बिहार में अब खतरे के अनुसार गवाहों को दी जायेगी सुरक्षा, जानिये एक बार में मिलेगी कितने दिनों की सुरक्षा
राज्य में मुकदमों के तेजी से निबटारे के लिए गवाहों को सुरक्षा सरकार मुहैया करायेगी. गृह विभाग ने गवाहों के संभावित खतरे को लेकर उनकी सुरक्षा के निर्धारण के लिए तीन वर्ग निर्धारित करने का निर्देश दिया है.
पटना. राज्य में मुकदमों के तेजी से निबटारे के लिए गवाहों को सुरक्षा सरकार मुहैया करायेगी. गृह विभाग ने गवाहों के संभावित खतरे को लेकर उनकी सुरक्षा के निर्धारण के लिए तीन वर्ग निर्धारित करने का निर्देश दिया है.
गवाहों के जीवन, प्रतिष्ठा, संपत्ति आदि के खतरे को लेकर श्रेणी क, ख और ग में वर्गीकृत किया जायेगा. श्रेणी के अनुसार ही गवाहों को सुरक्षा मिलेगी.
सभी जिलों में गवाहों की सुरक्षा के लिए जिला गवाह सुरक्षा सेल का गठन किया जायेगा. एक बार में तीन माह से अधिक के लिए गवाहों की सुरक्षा को लेकर अंगरक्षक प्रदान करने की स्वीकृति नहीं होगी.
अंगरक्षक प्रदान करने के अलावा नियमित गश्त, गवाहों के घर के आसपास गहन सुरक्षा, न्यायालय आने जाने के लिए एस्कोर्टस प्रदान करने के विकल्प के अनुसार काम करना होगा.
राज्य में 58 गवाहों को मिली है सुरक्षा
अभियोजन के निदेशक की ओर से आयी रिपोर्ट के अनुसार बिहार गवाह योजना के तहत 28 जिलों के प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है. वहीं, दस जिलों से अधिक तक रिपोर्ट नहीं मिली है.
रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 28 जिलों में 70 गवाहों की सुरक्षा के लिए रिपोर्ट आयी है. अब तक 58 गवाहों को सुरक्षा दी गयी.
इनमें भोजपुर व सीवान जिले में सबसे अधिक दस-दस के अलावा अररिया व बेगूसराय में छह-छह गवाहों को सुरक्षा दी गयी है. इसके अलावा मधुबनी में पांच व कटिहार में चार गवाहों को सुरक्षा मिली है.
Posted by Ashish Jha