पटना. बिहार पुलिस ने तैनात दारोगा को साइबर ट्रेनिंग अनिवार्य कर दिया गया है. इस ट्रेनिंग के बिना कोई भी दारोगा इंस्पेक्टर नहीं बन पाएंगे. अगर दारोगा को प्रमोशन पाना है तो ट्रेनिंग करना जरूरी है.
राज्य सरकार ने सभी कर्मचारियों के लिए प्रोन्नति लेने में कंप्यूटर की दक्षता को पहले से ही अनिवार्य कर रखी है, परंतु पुलिस महकमा में दारोगा के लिए अब साइबर ट्रेनिंग लेना हर हाल में अनिवार्य कर दिया गया है.
इसके तहत दारोगा से इंस्पेक्टर बनने के लिए इनका काम सामान्य कंप्यूटर ज्ञान के प्रशिक्षण से नहीं चलेगा. इसके लिए वकायदा साइबर की ट्रेनिंग लेनी पड़ेगी.
बिना इस विशेष साइबर ट्रेनिंग के ये इंस्पेक्टर बनने के लिए योग्य नहीं माने जायेंगे. गृह विभाग इसे लेकर एक खास नियमावली को अंतिम रूप देने में जुटा है, जिसके तहत डीएसपी और दारोगा को चयन के बाद दी जाने वाली ट्रेनिंग में ही अनिवार्य रूप से साइबर के बारे में समुचित जानकारी दी जायेगी.
यह ट्रेनिंग सभी को करना अनिवार्य होगा. सामान्य कर्मियों के लिए कंप्यूटर दक्षता अनिवार्य करने के पीछे प्रमुख कारण पूरी सरकारी कार्यप्रणाली को ऑनलाइन करने या इ-ऑफिस सिस्टम को हर स्तर पर लागू करने की तैयारी है.
किसी कांड का अनुसंधान मोबाइल ट्रेसिंग से ही शुरू होता है. ऐसे में दारोगा को साइबर से जुड़ी तमाम अहम बातों की जानकारी होना बेहद आवश्यक है, ताकि वे अनुसंधान में महती भूमिका निभा सकें और कम समय में मामलों का निष्पादन कर सकें.
Posted by Ashish Jha