बिहार में मुखिया, सरपंच ही होंगे परामर्शी समिति के अध्यक्ष, अधिसूचना जारी
राज्य के करीब साढ़े आठ हजार मुखिया व सरपंच, 534 प्रखंड प्रमुख और 38 जिला पर्षद अध्यक्ष अब पंचायत चुनाव होने तक परामर्शी समिति के अध्यक्ष कहलायेंगे. पंचायत में मुखिया, ग्राम कचहरी में सरपंच, पंचायत समिति में प्रखंड प्रमुख और जिला पर्षदों में जिला पर्षद अध्यक्ष अब परामर्शी समिति के अध्यक्ष के तौर पर अपना काम करते रहेंगे.
पटना. राज्य के करीब साढ़े आठ हजार मुखिया व सरपंच, 534 प्रखंड प्रमुख और 38 जिला पर्षद अध्यक्ष अब पंचायत चुनाव होने तक परामर्शी समिति के अध्यक्ष कहलायेंगे. पंचायत में मुखिया, ग्राम कचहरी में सरपंच, पंचायत समिति में प्रखंड प्रमुख और जिला पर्षदों में जिला पर्षद अध्यक्ष अब परामर्शी समिति के अध्यक्ष के तौर पर अपना काम करते रहेंगे.
उन्हें वही सभी अधिकार व कर्तव्य मिल गया है, जो उन्हें अब तक प्राप्त है. 15 जून के बाद जिस दिन से उनका कार्यकाल पूरा हो जायेगा, उसके अगले दिन से परामर्शी समिति काम करने लगेगी और उन्हें अपने कार्यकाल के बाद भी यथावत अपने अधिकार, कर्तव्य और दायित्वों का निर्वहन करने का अधिकार होगा.
यह व्यवस्था पंचायत चुनाव तक जारी रहेगी. परामर्शी समितियों की व्यवस्था त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरियों का चुनाव संपन्न होने के बाद स्वतः समाप्त हो जायेगी. राज्य कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को परामर्शी समिति के गठन को मंजूरी दे दी गयी. इसके तुरंत बाद पंचायती राज विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है.
जिला पर्षद और पंचायत समिति में पूर्व की तरह विधायक व सांसद भी बतौर सदस्य शामिल होंगे. डीडीसी जिला पर्षद की मौजूदा व्यवस्था की तरह प्रशासकीय अधिकारी के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी संभालेंगे पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में कुल 10 एजेंडों पर मुहर लगायी गयी.
उन्होंने बताया कि परामर्शी समितियों के कर्तव्य, अधिकार और दायित्वों को यथावत बनाये रखा गया है. परामर्शी समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का पद रिक्त होने के बाद सरकार अलग से निर्देश जारी करेगी. पंचायत परामर्शी समितियां पंचायतों के भंग होने की तिथि के अगले दिन से काम करेंगी. इसके साथ ही पंचायतों के वार्डों में गठित वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियां पंचायत परामर्शी समिति की अध्यक्षता में कार्यरत रहेंगी.
इन समितियों के खातों का संचालन संबंधित वार्ड सदस्य, परामर्शी समिति और वार्ड सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जायेगा. परामर्शी समितियों की बैठकों में संगत विषयों से संबंधित पदाधिकारी व कर्मी उसी प्रकार से भाग लेंगे, जिस प्रकार से त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में भाग लेने का प्रावधान किया गया है.
पंचायती राज संस्थानों और ग्राम कचहरियों के लिए गठित परामर्शी समितियों के अध्यक्ष व सदस्यों को उनके कार्यरत रहने की तिथि तक पदधारकों के लिए सरकार की ओर से नियत दर पर मान्य भत्ते का भुगतान किया जायेगा. परामर्शी समितियों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बिना समुचित कारण के तीन लगातार बैठकों से अनुपस्थित रहते हैं या जानबूझकर काम नहीं करते हैं, तो उनको हटा दिया जायेगा.
पंचायत परामर्शी समिति
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अध्यक्ष मुखिया
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उपाध्यक्ष उपमुखिया
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सदस्य पंचायत सदस्य
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सचिव पंचायत सचिव
परामर्शी समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य उन सभी शक्तियों का प्रयोग करेंगे, जो मुखिया, उपमुखिया व पंचायत सदस्य को हैं.
पंचायत समिति परामर्शी समिति
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अध्यक्ष प्रमुख
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उपाध्यक्ष उप प्रमुख
सदस्य : पंचायत समिति सदस्य, लोकसभा व विधानसभा के सदस्य, राज्यसभा व विधान परिषद के वैसे सदस्य, जो पंचायत समिति क्षेत्र के वोटर हों. पंचायत परामर्शी समिति के अध्यक्ष भी इसके सदस्य होंगे.
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कार्यपालक पदाधिकारी : बीडीओ
परामर्शी समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य उन सभी शक्तियों का प्रयोग करेंगे, जो प्रमुख, उपप्रमुख एवं पंचायत समिति सदस्य को हैं.
जिला परिषद परामर्शी समिति
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अध्यक्ष जिप अध्यक्ष
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उपाध्यक्ष जिप उपाध्यक्ष
सदस्य : जिप सदस्य, लोकसभा व विधानसभा के सदस्य, राज्यसभा व विधान परिषद के वैसे सदस्य, जो जिले के वोटर हैं. इसके अलावा जिले की सभी पंचायत समितियों के अध्यक्ष भी सदस्य होंगे.
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सीइओ : डीडीसी
ग्राम कचहरी परामर्शी समिति
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अध्यक्ष सरपंच
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उपाध्यक्ष उप सरपंच
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सदस्य पंच
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सचिव ग्राम कचहरी सचिव
Posted by Ashish Jha