बिहार में नयी नवेली दुल्हन को शादी तोड़कर कॅरियर बनाने की मिली अनुमति , ग्राम कचहरी का ऐतिहासिक फैसला

डेढ़ माह पहले विधि विधान से हुई शादी को लड़की ने अपने कैरियर व पढ़ाई के लिए तोड़ दिया. लड़की के इस निर्णय पर ग्राम पंचायत का फैसला भी लड़की के पक्ष में दिया गया. पूरे इलाके में इस फैसले की चर्चा हो रही है. ग्राम कचहरी की सभा में लड़का व लड़की के परिजन सुनवाई के दौरान मौजूद थे.

By Prabhat Khabar News Desk | July 31, 2021 9:00 AM

सुलतानगंज. डेढ़ माह पहले विधि विधान से हुई शादी को लड़की ने अपने कैरियर व पढ़ाई के लिए तोड़ दिया. लड़की के इस निर्णय पर ग्राम पंचायत का फैसला भी लड़की के पक्ष में दिया गया. पूरे इलाके में इस फैसले की चर्चा हो रही है. ग्राम कचहरी की सभा में लड़का व लड़की के परिजन सुनवाई के दौरान मौजूद थे.

गनगनियां ग्राम कचहरी का आयोजन फतेहपुर में किया गया. कैरियर व पढ़ाई को लेकर लड़की के पक्ष में ग्राम कचहरी ने जो फैसला सुनाया, उसे सुन सभी हैरान रह गये. लड़की नेहा पढ़-लिख कर अपना कैरियर बनाना चाहती है. अपने सपने में रंग भरना चाहती है. लेकिन शादी के बाद घर की चहारदीवारी के बीच रहने के लिए वह मजबूर हो गयी.

सरपंच ने फैसला सुनाया कि दोनों पक्ष अब अलग-अलग अपनी रजामंदी से रहेंगे. दोनों के बीच वैवाहिक संबंध नहीं रहेगा. लड़की को आगे पढ़ना है. कैरियर बनाना है. उसकी पिता ने उसकी शादी करा दी. लेकिन ससुराल वाले उसे पढ़ाई करने से रोकते हैं. नेहा ने फैसले के बाद बताया कि अब पढ़ने का मौका मिलेगा.

नेहा आइटीआइ करना चाहती है. बताया गया कि घोरघट निवासी सीताराम पंडित का पुत्र सुनील की शादी कमरगंज पंचायत के जहांगीरा निवासी गुरुदेव पंडित की पुत्री नेहा कुमारी के साथ शादी हिंदू रिति रिवाज से बड़े धूमधाम से हुई थी. शादी के बाद डेढ़ माह बाद नेहा गायब हो गयी. पति सुनील ने काफी खोजबीन की.

इसको लेकर लड़की के पिता ने सुलतानगंज थाना में आवेदन देकर बेटी के अपहरण किये जाने की शिकायत की. इसकी जानकारी जब नेहा को मिली तो वह घर पहुंच गयी. इसके बाद नेहा ने घरवालों से कहा- मेरा अपहरण नहीं हुआ था. मैं पढ़ने के लिए पटना गयी थी. नेहा ने अपने पिता को बताया कि ससुराल वाले उसे पढ़ने नहीं देना चाहते हैं. आगे पढ़ाई करने पर मना करते हैं. इसलिए उसने ऐसा कदम उठाया है.

अपने पिता को आपबीती सुनाने के बाद नेहा ने ग्राम कचहरी में भी यही फरियाद की. नेहा ने कहा कि सुनील से मेरी शादी जबरन करायी गयी है. मैं सुनील को अपना पति नही मानती हूं. शादी के बाद ससुराल गयी तो पति प्रताड़ित करने लगा. नेहा अपने कैरियर को लेकर चिंतित रहने लगी. उसने मौका देखते ही ससुराल से भागने का फैसला लिया. वह भागकर पटना चली गयी. ग्राम कचहरी में दोनों पक्षों को बुलाया गया.

दोनों पक्षों की दलील सुनी गयी. एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया. सरपंच ने बताया कि दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद फैसला लिया गया है. सभी लोग चाहते थे कि घर बस जाय, लेकिन ऐसा न हो सका. दोनों पक्ष अब अलग-अलग अपनी रजामंदी से रहेंगे. दोनों के बीच कोई भी वैवाहिक संबंध नहीं रहेगा. ग्राम कचहरी के निर्णय के बाद दोनो स्वतंत्र हो कर जीवन यापन करेंगे. लड़की अपनी पढ़ाई जारी रख कर कैरियर बना पायेगी.

Posted by Ashish Jha

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