मोतिहारी. दुनिया भर में चर्चित पुस्तक ‘एनिमल फॉर्म’ के लेखक जार्ज ऑरवेल की मोतिहारी में स्थापित प्रतिमा को असामाजिक तत्वों ने तोड़ डाला और उसे उठा भी ले गये. सुरक्षा में तैनात जवान ने जब विरोध किया, तो बदमाशों ने जान मारने की धमकी भी दी.
मामले को लेकर सोमवार को जवान रामसूरत राम ने नगर थाना और पुलिस के वरीय अधिकारियों को सूचना दी. जार्ज ऑरवेल का जन्म 25 जून, 1903 को मोतिहारी के गोपाल साह स्कूल के पास स्थित तत्कालीन ब्रिटिश भवन में हुआ था.
उनके पिता ब्रिटिश राज में भारतीय सिविल सेवा के अधिकारी थे. ऑरवेल का मूल नाम एरीक अर्तुर ब्लेर था. जहां बाद के दिनों में उनकी प्रतिमा स्थापित की गयी.
ब्रिटिश पत्रकार इयान जैक ने 1983 में पहली बार जॉर्ज ऑरवेल के जन्मस्थान का पता लगाया था. बाद में यहां उनकी प्रतिमा स्थापित की गयी.
शहर के ज्ञानबाबू चौक के पास सत्याग्रह शताब्दी पार्क परिसर में उनके नाम का भवन है, जिसे म्यूजियम बनाने की सरकार ने घोषणा कर रखी है.
इधर होमगार्ड जवान ने थाना में दिये आवेदन में बताया है कि कुछ असामाजिक तत्व शताब्दी पार्क में बर्थ-डे पार्टी के साथ तेज साउंड बजा डांस कर रहे थे.
मना करने पर उन लोगों ने जान मारने की धमकी दी. उसके बाद प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया. नगर पुलिस ने बताया कि आवेदन मिला है. मामले की छानबीन की जा रही है.
जार्ज ऑरवेल की दो कृतिया दुनिया भर में चर्चित रही हैं. 1945 में प्रकाशित उनका उपन्यास एनिमल फॉर्म अधिनायकवाद पर करारा तंज है.
इसी तरह 1948 में उन्होंने 1984 नाम से उपन्यास लिखा था, जिसमें उन्होंने ऐसे समय की कल्पना की थी, जिसमें राजसत्ता अपने नागरिकों को बुनियादी अधिकार देने से वंचित करती है.
Posted by Ashish Jha