बिहार में छठे चरण के हाइ और प्लस टू शिक्षकों के नियोजन का रास्ता साफ, जिला पर्षद परामर्शी समिति को मिला जिम्मा
बिहार पंचायती राज अध्यादेश 2021 के तहत गठित जिला पर्षद परामर्शी समिति अब छठे चरण की माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन के लिए भी जवाबदेह होगी. शिक्षा विभाग ने इस आशय का निर्णय लेते हुए शुक्रवार को अधिसूचना जारी की.
पटना. बिहार पंचायती राज अध्यादेश 2021 के तहत गठित जिला पर्षद परामर्शी समिति अब छठे चरण की माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन के लिए भी जवाबदेह होगी. शिक्षा विभाग ने इस आशय का निर्णय लेते हुए शुक्रवार को अधिसूचना जारी की.
अधिसूचना में साफ किया गया है कि परामर्शी समिति के सभी प्रावधान इस नियमावली 2020 के संबंध में पूरी तरह प्रभावी होंगे. लिहाजा नियमावली के तहत जिला पर्षद के नियंत्रण के तहत माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियुक्त प्राधिकार एवं अनुशासित प्राधिकार के तहत गठित समिति की अध्यक्षता जिला पर्षद परामर्शी समिति के अध्यक्ष की ओर की जायेगी.
हालांकि, यह व्यवस्था जिला पर्षद के आम निर्वाचन होने के बाद स्वत: समाप्त हो जायेगी.अधिसूचना के मुताबिक छठे चरण के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन की कार्यवाही बिहार जिला पर्षद माध्यमिक और उच्च माध्यमिक नियमावली 2006 के तहत की जा रही है. चूंकि अब नियमावली 2020 प्रभावी है.
लिहाजा इसके नियम 24 में यह बताया गया है कि तत्कालीन नियमावली के अधीन किया गया कोई भी कार्य नयी नियमावली के तहत ही मान्य होगा. लिहाजा अधिसूचना के तहत दी जा रही यह व्यवस्था छठे चरण के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन के संबंध में प्रभावी मानी जायेगी.
मालूम हो कि नौ जून को पंचायती राज विभाग ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं एवं ग्राम कचहरियों के लिए परामर्शी समिति का गठन किया है. इसके तहत जिला पर्षद परामर्शी समिति गठित की गयी है. इस समिति में अध्यक्ष जिला पर्षद के भंग होने की तिथि को कार्यरत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष भंग होने की तिथि को कार्यरत उपाध्यक्ष और कार्यरत सदस्य और मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में डीडीसी होते हैं.
फिलहाल, शिक्षा विभाग की अधिसूचना के मुताबिक यह परामर्शी समिति ही नियोजन से जुड़ी समूची औपचारिकता के लिए जवाबदेह होगी. शुक्रवार को जारी यह अधिसूचना शिक्षा उप सचिव अरशद फिरोज ने जारी की है.
Posted by Ashish Jha