पटना. राज्य भर में 56 हजार वार्डों में मुख्यमंत्री हर घर नल का जल योजना के तहत पूर्ण की गयी सभी योजनाओं में पानी के नमूनों की जांच पीएचइडी ने प्रोटोकॉल के अनुसार प्रत्येक माह कर रही है. साथ ही,पानी के जांच रिपोर्ट को पंप ऑपरेटर के पास रखे रजिस्टर में लिखा जाता है, लेकिन पीएचइडी ने अब निर्णय लिया है कि लाभुकों को भी पानी की जांच रिपोर्ट से अवगत कराया जाये, ताकि जिस पानी को वह पी रहे है. वह पानी कितना शुद्ध है.
इसको लेकर उनके मन में कोई शंका नहीं रहे और विभाग भी लाभुकों को रिपोर्ट देने के बहाने योजना संबंधित फीडबैक भी उनसे हर माह ले सकें. पीएचइडी ने सभी अधिकारियों को दो दिन पूर्व दिशा-निर्देश जारी कर दिया है.
विभाग ने अधिकारियों से कहा है कि पानी के नमूने की जांच के फलाफल योजना के लाभार्थियों को हर माह नियमित अवगत कराया जाये. इसके लिए पंप ऑपरेटर जल गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट रजिस्टर में रखकर हर माह वार्ड के कम से कम 25 प्रतिशत लाभुकों से उसपर हस्ताक्षर करायेंगे.
पीएचइडी और पंचायती राज विभाग द्वारा राज्य के 98 प्रतिशत ग्रामीण वार्डों में पाइप जलापूर्ति योजना का कार्य पूरा करते हुए 1.62 करोड़ परिवारों को नियमित टैब से पानी पहुंचाया जा रहा है. अब सात निश्चय पार्ट टू के अंतर्गत स्वच्छ गांव स्मृद्ध गांव निश्चय अंतर्गत जलापूर्ति योजनाओं के दीर्घकालिक रख-रखाव को लेकर विभाग ने कई दिशा निर्देश अधिकारियों को दिये हैं.
इस कार्य की निगरानी की जिम्मेदारी संबंधित कनीय व सहायक अभियंता को दी गयी है. वहीं, निगरानी के दौरान अगर योजना पर जल गुणवत्ता की जांच संबंधित रजिस्टर में जल जांच प्रतिवेदन नहीं लिखा गया होगा या 25 प्रतिशत लाभुकों का हस्ताक्षर नहीं लिया गया होगा, तो इसके लिए संबंधित पंप ऑपरेटर, संवेदक पर कार्रवाई होगी.
Posted by Ashish Jha