पटना. राज्य सरकार के शराबबंदी कानून के बाद से लोगों की जीवनशैली में काफी हद तक बदलाव हुआ है, लेकिन अब भी बहुत से लोग किसी ना किसी तरह के नशा ले रहे हैं. इन लोगों को नशा से मुक्ति दिलाने के लिए समाज कल्याण विभाग की ओर से ड्रग्स पर पूर्ण विराम अभियान चलाया जा रहा है, ताकि नशा करने वाले लोगों को नशे की लत से छुटकारा दिलायी जा सके.
अब इस अभियान में ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को जोड़ने का निर्णय विभाग की ओर से लिया गया है. इसके तहत राज्य के सभी गांवों से तीन महिलाओं का चयन कर उन्हें नशामुक्ति का ब्रांड एंबेसडर बनाया जायेगा. विभाग के मुताबिक महिलाओं को जोड़ने से इस अभियान में और तेजी आयेगी.
राज्य में किसी भी तरह के नशा का लत स्वयं एवं परिवार को बर्बाद ही करता है. इस कार्यक्रम के तहत विभाग किसी भी तरह के ड्रग्स के सेवन न करने का प्रचार – प्रसार करता है.
वहीं, नशा की लत छुड़ाने के बाद उन्हें कौशल प्रशिक्षण से जोड़ा जाता है, ताकि वह खुद कमा कर घर चला सकें. इसमें विभाग भी सहयोग करेगा. कौशल प्रशिक्षण श्रम संसाधन विभाग के माध्यम से होगा.
नशा मुक्ति अभियान के तहत गांव में महिलाओं चौपाल लगायेंगी, जिसमें शामिल होने वाली महिलाओं को नशा छुड़ाने के लिए टिप्स दिये जायेंगे, ताकि वे परिवार के वैसे लोगों को नशा की लत से दूर कर सकें, जो किसी ना किसी तरह से नशा का सेवन कर रहें है और उस नशा के कारण उनके घर की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ रहा है.
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हर गांव में तीन महिलाओं को अभियान से जोड़ा जायेगा.
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महिलाएं सप्ताह में किसी दो दिन गांव में चौपाल लगायेंगी. उसमें पहले महिलाओं को जागरूक करेंगी.
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गांव की महिलाएं रिपोर्ट तैयार करेंगी कि किस घर के लोग किसी तरह की नशा करते हैं और उसे छुड़ाने के लिए अभी तक इन्होंने क्या किया.
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नशामुक्ति के लिए अगर जरूरत पड़ी , तो सिविल सर्जन से सहयोग लेंगी.
समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने कहा कि नशा मुक्ति अभियान के तहत महिलाओं को जोड़ने का निर्णय लिया गया है, ताकि गांव में किसी भी तरह का नशा का सेवन करने वालों को लत से छुटकारा दिलाया जा सकें.इसके लिए विभागीय स्तर पर काफी काम हो रहा है.
Posted by Ashish Jha