पूर्णिया. बिहार के पूर्णिया जिले में लॉकडाउन के चलते अस्पताल पहुंचने के लिए कोई वाहन नहीं मिली. इस दौरान प्रसव पीड़ा से तड़पती एक महिला को रिक्शा से अस्पताल ले जाने के क्रम में सड़क किनारे ही बच्चे को जन्म देना पड़ा. घटना शुक्रवार की दोपहर जेल चौक स्थित पेट्रोल पंप के सामने सड़क किनारे हुई. शहर के न्यू सिपाही टोला निवासी भूलन चौधरी ने बताया कि उनकी पत्नी सोनी देवी को घर में ही प्रसव पीड़ा शुरू हुई. लॉक डाउन की वजह से कोई वाहन उपलब्ध नहीं था. आनन-फानन में उन्होने रिक्शा से अपनी पत्नी को सदर अस्पताल लेकर चले. अभी कुछ ही दूर गये ही थे कि पत्नी प्रसव पीड़ा से छटपटाने लगी.
स्थिति ऐसी हो गयी कि क्षण भर के लिए वे असमंजस में पड़ गये. जब कुछ समझ में नहीं आया तो उन्होने सड़क किनारे पत्नी को लेटा दिया. भगवान का शुक्र है कि सही सलामात शिशु का जन्म हुआ. पुत्र रत्न की प्राप्ति से माता-पिता दोनों खुश हैं. पिता भूलन चौधरी और बड़े पापा गोपाल चौधरी कहते हैं कि दरअसल, यह लॉकडाउन के दौरान ही पैदा हुआ है इसलिए आज से यह लॉकडाउन नाम से ही पुकारा जाएगा. यह नाम यादगार रहेगा. पेशे से हलवाई भूलन चौधरी को तीन पुत्र व एक पुत्र है. यह पांचवी संतान है.
डीएसपी की मदद से प्रभात खबर के रिपोर्टर ने पहुंचाया अस्पताल
संयोगवश किसी ने प्रभात खबर को इस बात की सूचना दी. सूचना पर प्रभात खबर के प्रतिनिधि वहां पहुंचे और वहां की मार्मिक दृश्य देख मानव धर्म का पालन किया. घटना के वक्त महिला के पति सड़क पर इक्का-दुक्का दौड़ रहे वाहनों से मदद की गुहार लगा रहे थे पर किसी की संवेदना नहीं जगी. इसी बीच प्रशिक्षु डीएसपी प्रमोद रंजन का पुलिस वाहन देख रुकवाया और सारी बातें बतायी.
फिर क्या था प्रशिक्षु डीएसपी गाड़ी से उतर कर तुरंत बोले फौरन उनकी गाड़ी पर महिला को बैठा दीजिये, सदर अस्पताल लेकर चलते हैं. इसके बाद सभी ने मिलकर महिला को सदर हॉस्पिटल पहुंचाया जहां जच्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. परिवारवालों ने पुलिस और पत्रकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि आज पत्रकार और पुलिस की मदद से उनके घर यह खुशियां आयी है.