दरभंगा में चार बच्चों की मौत के मामले में DMCH के अधीक्षक ने रखा पक्ष, शरीर में नहीं के बराबर था खून
डीएमसीएच में कुछ घंटे के अंतराल में एक ही परिवार के तीन बच्चों सहित चार बच्चों की मौत पर डीएमसीएच अधीक्षक ने कहा कि चारों पहले से ही गंभीर रूप से बीमार थे.
दरभंगा. डीएमसीएच में कुछ घंटे के अंतराल में एक ही परिवार के तीन बच्चों सहित चार बच्चों की मौत पर डीएमसीएच अधीक्षक ने कहा कि चारों पहले से ही गंभीर रूप से बीमार थे. जिला जनसंपर्क पदाधिकारी की ओर से जारी विज्ञप्ति में अधीक्षक डॉ मणि भूषण शर्मा ने बताया कि जिन चार बच्चों की मौत यहां हुई है, वे मधुबनी जिला के रहने वाले थे. उनमें से तीन एक ही परिवार के थे. तीनों 28 मई को एक साथ शाम में भर्ती किए गए थे.
तीनों को एनीमिया (ब्लड की कमी) था. वे निमोनिया से ग्रसित थे. तीनों को बुखार भी था. तीनों के शरीर में खून की काफी कमी थी. इस कारण उनका पूरा शरीर फूल गया था. उन्हें काफी सीरियस स्टेज में परिजन द्वारा डीएमसीएच लाया गया था. उन तीनों में से एक की मृत्यु 29 मई को सुबह 4.30 बजे, दूसरे की मृत्यु 29 मई को ही रात 10.25 तथा तीसरे की मौत 30 मई की दोपहर 2.30 बजे हुई.
चौथे बच्चे को एक साल पहले से मैनेनजाइटिस था. उसके माथे पर वीपी शंट लगा हुआ था. उसमें खून की काफी कमी थी. उसका इलाज आरबी मेमोरियल में चल रहा था. वह पोस्ट मेनिनजाइटिस हाइड्रोकैफेलस से ग्रसित था. उसे न्यूरोलॉजिकल इलाज के लिए उदयन हॉस्पिटल पटना ले जाया गया, जहां न्यूरो सर्जन द्वारा उसका इलाज किया जा रहा था.
इलाज के दौरान ही उसकी आरटीपीसीआर जांच करायी गयी, जिसमे वह पॉजिटिव निकला था. उसकी बीमारी की स्थिति के अनुसार उस बच्चे को एम्स, पटना रेफर किया जाना था, लेकिन टेक्निकल वेंटिलेटर पर उसे डीएमसीएच लाया गया.
डीएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ केएन मिश्र की निगरानी में उसे आइसीयू में रखा गया. एक साल से गंभीर एवं जटिल बीमारी से ग्रसित होने तथा शरीर में खून की काफी के कारण उसकी मौत हो गयी. उसके परिजन चारों तरफ से निराश होने के बाद उसे डीएमसीएच लेकर पहुंचे थे.
Posted by Ashish Jha