पटना. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी को मिली सजा के खिलाफ शुक्रवार को बिहार विधानसभा परिसर में महागठबंधन के घटक दलों ने प्रदर्शन किया. बिहार विधानसभा के बजट सत्र में सदन के बहार कांग्रेस की तरफ से जोरदार हंगामा किया गया. महागठबंधन के घटक दल राजद और माले के विधायक ने भी कांग्रेस पार्टी के समर्थन में आ गये, लेकिन जदयू के लोग चुपचाप मूकदर्शक बनकर किनारे खड़े होकर प्रदर्शन देखते रहे. इस मुद्दे पर जदयू अब तक अपना कोई स्टेंड नहीं ले पाया है. पार्टी की ओर से अब तक कोई बयान या प्रतिक्रिया नहीं दिया गया है.
दरअसल, कांग्रेस सांसद को सजा मिलने का विरोध जताते हुए बिहार में महागठबंधन में शामिल सभी दलों के नेता विधानमंडल गेट से लेकर विधानसभा पोर्टिकों तक पैदल मार्च करते हुए सदन पहुंचे. इस दौरान उनके हाथों में पोस्टर बैनर के दिखे गया, जिसमें या लिखा हुआ था कि मोदी हटाओ लोकतंत्र बचाओ. इस दौरान बिहार के महागठबंधन में शामिल दलों नेताओं का कहना था कि केंद्र सरकार विपक्ष मुक्त भारत बनाने की साजिश कर रही है. उनकी यह साजिश कभी सफल नहीं होगी. केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष के नेताओं पर झूठे मुकदमे लगाये जा रहे हैं. आज राहुल गांधी को भी झूठे मुकदमे में फंसाया गया है.
वहीं, जदयू के लोगों ने इस विरोध प्रदर्शन से दूरी बना रखी थी. इस पर पार्टी का कहना है कि ये न्यायपालिका का मामला है. इसलिए हमलोग न्यायपालिका के ममाले में हस्तक्षेप करना उचित नहीं समझते हैं. इधर, इस प्रदर्शन पर भाजपा ने कहा कि इन लोगों को जब न्याय मिलता है, तो यह लोग कहते हैं कि हमें न्यायालय पर भरोसा है. जब न्यायालय सजा देती है, तो खिलाफ में बोलते हैं. अदालत पर भी इन लोगों को अब भरोसा नहीं रहा. इन लोगों को समझना चाहिए कि यह राजनीतिक मामला नहीं है. राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने मानहानि का दोषी करार दिया है. 2 साल कैद की सजा अदालत ने दी है. उन पर 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. इतना ही नहीं उन्हें जमानत भी उसी अदालत ने दी है.