पटना. पटना जिले के 3136 विद्यालयों व 4937 आंगनबाड़ी केंद्रों में नौ जनवरी तक शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जायेगी. डीएम कुमार रवि ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश दिया.
उन्होंने उप विकास आयुक्त को सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी व बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के साथ बैठक कर पेयजलविहीन विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों की पंचायतवार सूची प्राप्त करने का निर्देश दिया.
प्रबंधन समिति या पीएचइडी के जरिये कराएं काम : इसके साथ ही सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी योजना के क्रियान्वयन के लिए स्थानीय स्तर पर संबंधित अधिकारियों व प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर वार्ड क्रियान्वयन व प्रबंधन समिति या पीएचइडी के माध्यम से कार्य कराने को कहा है.
बैठक में उप विकास आयुक्त रिची पांडेय, जिला शिक्षा पदाधिकारी ज्योति प्रसाद, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी प्रमोद कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार व जिला पंचायत राज पदाधिकारी सुषमा कुमारी आदि थे.
नल जल योजना के तहत सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम पांच टैप, मध्य विद्यालयों में सात टैप और आंगनबाड़ी केंद्रों में दो टैप लगाकर पेयजल सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. प्राथमिक विद्यालय में 500 लीटर क्षमता की दो टैंक और मध्य विद्यालयों में तीन टैंक लगाये जायेंगे. लगाये गये नलों की सुरक्षा की जवाबदेही संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की होगी.
विदित हो कि पटना जिले में 3136 ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय हैं, जिनमें प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 1984, मध्य विद्यालय 1089 और उत्क्रमित मध्य विद्यालयों की संख्या 63 है. इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 4937 है, जिसमें 1183 सरकारी भवन में और 3754 प्राइवेट भवन में चल रहे हैं.
Posted by Ashish Jha