पटना. मुख्यमंत्री सचिवालय का माहौल सोमवार को काफी बदला हुआ दिखा. जनता के दरबार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कार्यक्रम के पहले दिन सीएम लोगों से रूबरू होकर लगातार लगभग पांच घंटे तक समस्याएं सुनीं और फौरी समाधान किया. भोजपुर जिला के सहार प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका, समस्तीपुर जिला के विभूतिपुर प्रखंड समेत अन्य कई स्थानों से आयी सेविकाओं ने तीन-चार साल से मानदेय नहीं मिलने की समस्या रखी.
मुख्यमंत्री ने तुरंत कहा, समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव को बुलवाइये. खबर मिली वे कहीं निकलें हुए हैं. फिर सीएम ने कहा, बात कराइए, फोन लगते ही तुरंत निर्देश दिया, कई स्थानों से बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी सेविकाएं आयी हैं और सालों से मानदेय नहीं मिलने की बात कह रही हैं. यह कैसे संभव है, ऐसा क्यों हो रहा है.
फंडामेंटल चीजों को तुरंत ठीक करके उचित कार्रवाई कीजिए और मानदेय का भुगतान कराएं. इस तरह की स्थिति अन्य जिलों में भी हो सकती है. सख्त लहजे में कहा कि पूरे राज्य में इस मामले की जांच कराएं और जल्द जानकारी दें कि आखिर इन्हें मानदेय क्यों नहीं मिल रहा है. इसी तरह अन्य कई समस्याओं पर भी संबंधित विभागों के प्रमुखों को फोन लगाकर निर्देश देने का क्रम अंत तक चलता रहा.
मुख्यमंत्री ने करीब साढ़े चार साल बाद फिर से जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की शुरुआत की. कार्यक्रम सोमवार को निर्धारित स्थान पर मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद सभाकक्ष में आयोजित किया गया. इसमें अलग-अलग जिलों से आये करीब 146 लोगों की शिकायतें एक-एक करके मुख्यमंत्री ने सुनीं और तुरंत संबंधित विभागों को समाधान के उचित निर्देश दिये.
इनमें 28 महिलाएं और 118 पुरुष शामिल थे.सबसे ज्यादा शिकायतें आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका-सहायिका का मानदेय भुगतान नहीं होने, बिजली विभाग एवं पुलिस महकमा के सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट से हटाये गये ऑपरेटर समेत अन्य कर्मियों, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में बैंक से लिये लोन को माफ करने और विभिन्न छात्रवृत्ति नहीं मिलने को लेकर आयी.
Posted by Ashish Jha