बिहार में कोरोना की तीसरी लहर युवाओं पर भारी पड़ रही है. सबसे अधिक 21 से 30 साल के युवा इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं. इससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गयी है. अधिकारियों का कहना है कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वाले भी संक्रमित पाये गये हैं. हालांकि, ये बिना लक्षण वाले हैं. पटना सहित पूरे बिहार में दिसंबर के तीसरे सप्ताह से कोरोना वायरस का प्रकोप तेज हुआ है. 20 दिसंबर से अब तक पटना में करीब 2600 लोग कोरोना की चपेट में आये हैं.
इनमें 60 प्रतिशत पुरुष और 40 प्रतिशत महिलाएं हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक 15 दिन तक कोरोना संक्रमितों पर अध्ययन किया गया. कुल 1600 संक्रमितों में 21 वर्ष से लेकर 30 वर्ष की उम्र के बीच संक्रमित होने का आंकड़ा करीब 32 प्रतिशत पाया गया. यानी लगभग 512 संक्रमित इस उम्र के हैं. वहीं, बाकी 68% संक्रमितों में पांच साल के बच्चे से लेकर 80 साल से अधिक उम्र के लोग शामिल हैं.
पीएमसीएच के कोरोना के नोडल ऑफिसर डॉ अरुण अजय ने इसकी मुख्य वजह नयी उम्र के लोगों का घूमना-टहलना बताया है. उनका कहना है कि चूंकि काम करने वाला ग्रुप भी ज्यादातर यही है और जगह-जगह आना-जाना लोगों के संपर्क में आने से इस वर्ग के लोग ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. हालांकि डॉ अरुण कुमार ने बताया कि पहली व दूसरी लहर के मुकाबले इस बार का कोरोना वायरस अधिक शक्तिशाली नहीं है. अधिकत युवाओं को वैक्सीन भी लग चुकी है. इससे युवा पांच से सात दिनों में ही ठीक हो जा रहे हैं.
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