पटना के IGIMS में क्रिटिकल केयर यूनिट का उद्घाटन, अब कम खर्च में हो सकेगा गंभीर मरीजों का इलाज
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग का उद्घाटन किया, जहां 10 बेड का आइसीयू, वेंटिलेटर आदि की सुविधा दी गयी है. इसके अलावा मंत्री ने क्षेत्रीय चक्षु संस्थान (नेत्र रोग विभाग) में झीस मशीन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम और अपग्रेड आरआइओ लाइब्रेरी कक्ष का उद्घाटन किया.
पटना. आइजीआइएमएस में गंभीर मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. संस्थान में मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग का उद्घाटन किया, जहां 10 बेड का आइसीयू, वेंटिलेटर आदि की सुविधा दी गयी है. इसके अलावा मंत्री ने क्षेत्रीय चक्षु संस्थान (नेत्र रोग विभाग) में झीस मशीन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम और अपग्रेड आरआइओ लाइब्रेरी कक्ष का उद्घाटन किया.
क्रिटकल केयर विभाग की सुविधा बहाल
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आइजीआइएमएस बिहार, झारखंड व पश्चिमी बंगाल का पहला अस्पताल हो गया है, जहां अलग से क्रिटकल केयर विभाग की सुविधा बहाल कर दी गयी है. इसके साथ ही अब यहां इलाज के अलावा संबंधित विभाग में पढ़ाई भी होगी. क्रिटिकल केयर यूनिट की असिस्टेंट प्रोफेसर ऋतु सिंह ने बताया कि अब यहां मात्र 15 हजार रुपये में गंभीर मरीजों का बेहतर इलाज किया जायेगा, जबकि अलग से 10 हजार रुपये वेंटिलेटर का चार्ज रखा गया है.
एक से अधिक अंग फेल होने वाले मरीजों का इलाज
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान संस्थान के निदेशक डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा ने बताया कि वार्ड में 10 बेड के आइसीयू में सभी तरह के गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जायेगा. एक या एक से अधिक अंग व मल्टी ऑर्गन फेल आदि मरीजों की भर्ती करने की सुविधा है. वहीं संस्थान के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि नेशनल काउंसिल कमीशन की मान्यता मिलने के बाद संस्थान में क्रिटिकल केयर व आइसीयू की सुविधा मरीजों को मुहैया कर दी गयी है. इसके लिए तीन साल से संस्थान में प्रयास किया जा रहा था.
अब रेटिना की आधुनिक सर्जरी करने की सुविधा
वहीं नेत्र रोग विभाग में करीब 80 लाख रुपये की लागत से नयी झीस मशीन से अब रेटिना की आधुनिक सर्जरी करने की सुविधा शुरू कर दी गयी है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में अभी और कई सुविधाओं का विकास होना है, जिसके बाद गरीब मरीजों को काफी कम खर्च में बेहतर ईलाज मिल सकेगा. इस मौके पर विधायक संजीव चौरसिया, डॉ कृष्ण गोपाल, डॉ निलेश मोहन आदि डॉक्टर उपस्थित थे.