प्रहलाद कुमार, पटना: बिहार सरकार ने मेधावी छात्र-छात्राओं को यूपीएससी और बीपीएससी की परीक्षाओं में पास करने के लिए 2018-19 में मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत अब तक करीब पांच साल में 7616 छात्र-छात्राओं को लाभ मिला है. इनमें सामान्य वर्ग की छात्राओं की संख्या शामिल नहीं है. सरकार ने अब सामान्य कोटि की महिला कोटि के अभ्यर्थियों को भी इस योजना का लाभ देने की घोषणा की है.
अब तक 3202 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के छात्र-छात्राओं को मिला लाभ
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कुल 3202 छात्र-छात्राओं को 2018 से अब तक इस योजना का लाभ मिला है. यूपीएससी पीटी के 85 छात्रों और बीपीएससी के 3117 छात्र-छात्राओं ने अब तक इस योजना का लाभ उठाया है. विभाग के मुताबिक 2022-23 में योजना मद से अनुसूचित जाति के लिए 600.00 लाख एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 50.00 लाख की राशि का बजट प्रावधान किया गया था.
इतनी मिलती है राशि
योजना के तहत बीपीएसएसी, यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा प्रेतियोगिता परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा पीटी में पास होने पर पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को राशि दी जाती है. जिसमें बीपीएससी पीटी पास होने पर 50 हजार और यूपीएससी पीटी पास होने पर एक लाख दिया जाता है.
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परीक्षा में बढ़ रही है छात्र-छात्राओं की संख्या
विभाग की ओर से योजना का लाभ मिलने के बाद सिविल सेवा के प्रति पिछड़ा वर्ग के छात्रों में झुकाव बढ़ा है. वहीं विभाग इस वर्ग के छात्रों के लिए अगर से कोचिंग के माध्यम से विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी भी करा रही है. अधिकारियों के मुताबिक अब परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की संख्या बढ़ी है.
वर्ष — बीपीएससी पीटी — यूपीएससी पीटी — कुल
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2018-19 — 618 — 59 — 677
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2019-20 — 2418 — 19 — 2437
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2020-21 — 383 — 11 — 394
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2021-22 — 4301 — 113 — 4414