जदयू एमएलसी राधाचरण साह और बालू माफिया अशोक प्रसाद के 23 ठिकानों पर पिछले चार दिनों से चल रही आयकर की छापेमारी शुक्रवार को खत्म हो गयी. जांच टीम ने दोनों के डेढ़ सौ से अधिक बैंक खातों के ऑपरेशन को बंद कर दिया है. करीब दो सौ करोड़ से अधिक के लेनदेन की जानकारी मिली है. आयकर सूत्रों के मुताबिक राधाचरण साह और अशोक प्रसाद की बालू की अवैध आपूर्ति का सिंडीकेट से संलिप्तता रही है. छापेमारी में दोनों बिजनेस पार्टनर के पास से 1.42 करोड़ की राशि जब्त की गयी है. जांच टीम ने दोनों बिजनेस पार्टनर द्वारा छिपाये गये दो सौ करोड रुपये की रकम पर पेनाल्टी की प्रक्रिया तय करने की कवायद शुरू कर दी है.
दिल्ली और मनाली के होटलों में है काली कमाई का निवेश
जानकारी में यह भी आया है कि यह लोग अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग लोगों के नाम से ठेका भी लेते थे. आयकर सूत्रों के मुताबिक बालू के अवैध कारोबार से अर्जित इस काली कमाई को राधाचरण और अशोक प्रसाद विभिन्न माध्यमों से नंबर एक कमाई बनाने का प्रयास करते थे. आयकर सूत्रों के मुताबिक बालू की अवैध कमाई का सबसे ज्यादा निवेश इन दोनों ने दिल्ली और मनाली के होटल इंडस्ट्रीज में किया है. आयकर विभाग इसकी बारीकी से छानबीन कर रहा है. यह लोग अपने पैसे को लोन या कर्ज के रूप में भी देते थे.
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पांच कमरों में दस्तावेज रखकर किया सील
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने जदयू एमएलसी राधाचरण साह और उनके पार्टनर अशोक के यहां पीओ तहत भी कार्रवाई की है. प्रोटेक्टिव ऑर्डर के तहत एमएलसी राधाचरण के घर और अशोक कुमार के घर तथा ऑफिस सहित कुल पांच ठिकानों पर एक एक कमरे में छापेमारी के दौरान जब्त दस्तावेज को रखकर कमरों को सील कर दिया गया है ताकि जांच टीम में जब जरूरत पड़े तब वहां जाकर दस्तावेजों को खंगाल सकें.