पटना. आयकर विभाग ने करोड़ों की टैक्स चोरी करने वाली एक कंपनी के पांच शहरों में मौजूद सभी ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. छापेमारी की यह कार्रवाई इतनी व्यापक थी कि करीब सभी स्थानों पर दोपहर से शुरू हुई यह कार्रवाई देर रात तक चलती रही. अब तक की शुरुआती जांच में करीब 60 करोड़ की गड़बड़ी सामने आयी है. हालांकि जांच पूरी होने के बाद आयकर गड़बड़ी का यह दायरा बढ़ना तय माना जा रहा है.
बिहार मूल की अमहारा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की पटना में तीन स्थानों के अलावा बिहटा (अमहारा), नेउरा तथा देश के चार शहरों पुणे, कोलकाता, देवघर एवं मुंबई स्थित सभी ठिकानों पर सघन छापेमारी हुई. पटना में इस कंपनी के बाजार समिति, एक्जीबिशन रोड एवं राजेंद्र नगर स्थित कार्यालयों पर छापेमारी की गयी.
इस कंपनी के मालिक राकेश कुमार सिंह मूल रूप से बिहटा के पास मौजूद अमहारा गांव के रहने वाले हैं. इनके पैतृक गांव के अलावा बिहटा में भी इनका एक घर है. इन दोनों स्थानों पर छापेमारी की गयी है. इनकी एक अन्य कंपनी पटना पेट्रो केमिकल प्राइवेट लिमिटेड नाम से भी है. इसके कार्यालय भी पटना, बिहटा समेत अन्य स्थानों पर हैं. इनकी तलाशी भी ली गयी है.
राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास पर आयकर की टीम की कई घंटों तक तलाशी चली. यहां से साढ़े तीन करोड़ रुपये कैश के अलावा देश में 50 स्थानों पर जमीन के कागजात मिले हैं. इन जमीनों का कुल रकवा बीघों में हैं और कीमत करोड़ों में है. ये जमीनें पटना, बिहटा, अमहारा, नेउरा, पुणे, नोएडा, गाजियाबाद, कोलकाता, देवघर, मुंबई समेत अन्य स्थानों पर मौजूद हैं.
फिलहाल आयकर विभाग इन सभी स्थानों पर मौजूद जमीन का रकवा एवं मूल्य को जोड़कर निकलाने में जुटा हुआ है. जांच के दौरान बड़ी संख्या में फ्लैटों एवं अन्य चीजों की खरीद-बिक्री में जीएसटी से जुड़ी बड़े स्तर पर धांधली सामने आयी है. यह गड़बड़ी 30 करोड़ रुपये से ज्यादा की है. पोस्ट ऑफिस और बैंक में जमा करोड़ों रुपये के डिपॉजिट से जुड़े कागजात मिले हैं, जिनकी जांच चल रही है. बैंक में पांच लॉकर भी मिले हैं, जिन्हें सीज कर दिया गया है और आने वाले दिनों में इसे खोलने की प्रक्रिया की जायेगी.
इसके अलावा जब्त कागजातों से यह भी पता चला कि राकेश कुमार सिंह अपनी दोनों कंपनियों और अपने आयकर रिटर्न में भी हेरफेर करते थे. वास्तविक आय को कम दिखाकर कम आय पर आयकर रिटर्न दायर करते थे. हालांकि प्रतिवर्ष ये करोड़ों में आयकर रिटर्न देते थे, लेकिन इनकी आय इससे कहीं ज्यादा थी.
आयकर विभाग फिलहाल इससे जुड़ी तमाम गड़बड़ी को समेकित करने में जुटा हुआ है, जिसके बाद वास्तविक टैक्स चोरी का सही आंकड़ा सामने आ सके. छापेमारी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयकर विभाग तमाम दस्तावेजों की गहन जांच करेगा, जिसके बाद सही मायने में आयकर से जुड़ी पूरी गड़बड़ी सामने आयेगी.
Posted by Ashish Jha