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दिल्ली से बिहार आ रहा कंजक्टिवाइटिस का वायरस, डॉक्टरों ने जतायी नये स्ट्रेन की आशंका

पीएमसीएच, एनएमसीएच व प्राइवेट अस्पतालों में भी इस तरह के केस आ रहे हैं. इनमें ज्यादा संख्या स्कूली बच्चे व युवाओं की है. वायरल संक्रमण से रोगियों की आंखें लाल हो रही और सूजन आ रही है. इतना ही नहीं कुछ ऐसे भी मरीज हैं जिनके आंखों में खून के थक्के भी जमे मिले हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2023 11:58 PM

आनंद तिवारी, पटना. मौसम बदलते ही आंखों में कंजक्टिवाइटिस का प्रकोप शुरू हो गया है. खासकर पिछले दो सप्ताह से इसका प्रकोप पटना जिले में काफी तेजी से फैला है. रोगियों की संख्या अचानक तेज हो गई. खासकर शहर के आइजीआइएमएस की नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में कंजक्टिवाइटिस के रोगी अधिक आ रहे हैं. इसके बाद पीएमसीएच, एनएमसीएच व प्राइवेट अस्पतालों में भी इस तरह के केस आ रहे हैं. इनमें ज्यादा संख्या स्कूली बच्चे व युवाओं की है. वायरल संक्रमण से रोगियों की आंखें लाल हो रही और सूजन आ रही है. इतना ही नहीं कुछ ऐसे भी मरीज हैं जिनके आंखों में खून के थक्के भी जमे मिले हैं. आठ से 10 दिन में यह बीमारी रिकवरी हो रही है.

केस हिस्ट्री में दिल्ली से आये सर्वाधिक मरीज

शहर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में कंजक्टिवाइटिस का संक्रमण की जटिलता बढ़ने से रोगियों को प्री सेप्टल सेल्युलाइटिस हो गया. अलग-अलग मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में अब तक करीब 23 रोगियों को अस्पताल में भर्ती किया गया. आंकड़ों के अनुसार कुल मरीजों 12 प्रतिशत रोगियों को कंजक्टिवाइटिस मिल रहा. इनमें आधे स्कूली बच्चे पाये जा रहे हैं. वहीं जानकारों की माने तो दिल्ली में आयी बाढ़ की वजह से केस और बढ़ गये हैं. अधिकांश वैसे मरीज हैं जिनकी केस हिस्ट्री दिल्ली की निकली है.

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एडीनो वायरस का है कोई नया स्ट्रेन

आइजीआइएमएस के पूर्व नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ विद्याभूषण ने कहा कि आंख के सफेद हिस्से पर एक झिल्ली होती है. इसे कंजंक्टाइवा कहते हैं. आंखों की झिल्ली में एडीनो वायरस से संक्रमण हो रहा है. उन्होंने बताया कि वैसे इस झिल्ली में हरपीज सिम्प्लैक्स वायरस, वैरिसिला जोस्टर वायरस, कोविड और अन्य वायरस से भी संक्रमण होता है. साथ ही बैक्टीरिया से भी संक्रमण हो सकता है. इन सभी तरह के संक्रमण को कंजंक्टिवाइटिस ही कहते हैं. लेकिन ज्यादातर एडीनो वायरस से ही संक्रमण होता है. इस बार एडीनो वायरस का कोई नया स्ट्रेन लग रहा है. वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है. इससे आंख में हेमरेज भी हो सकता है.

कितने प्रकार के हैं वायरस

वायरल कंजक्टिवाइटिस

वायरल कंजक्टिवाइटिस के लिए कोई उपचार उपलब्ध नहीं है. 7-8 दिनों में इसके लक्षणों में अपने आप सुधार आ जाता है. वैसे वार्म कम्प्रेस (कपड़े को हल्के गरम पानी में डूबोकर आंखों पर रखना) से लक्षणों में आराम मिलता है.

बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस

बैक्टीरिया के किसी भी संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स सबसे सामान्य उपचार है. बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस में एंटीबायोटिक्स आई ड्रॉप्स और ऑइंटमेंट (मरहम/जैल) के इस्तेमाल से कुछ ही दिनों में आंखें सामान्य और स्वस्थ्य होने लगती हैं.

एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस

एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस में बाकी लक्षणों के साथ आंखों में सूजन भी आ जाती है. इसलिए इसके उपचार में एंटी हिस्टामिन आई ड्रॉप्स के साथ एंटी इन्फ्लैमेटरी आई ड्रॉप्स भी दी जाती हैं.

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बचाव के लिए यह करें

  • – आंखों को साफ रखें, साफ पानी से धोएं.

  • – आंखों में धूल-मिट्टी आदि न जाने दें.

  • – आंख में खुजली हो तो हाथ से न रगड़ें.

  • – जो कॉन्टेक्ट लेंस का प्रयोग इस समय न करें.

  • – आंख में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.

  • – संक्रमण होने पर बर्फ के पानी से सिंकाई करें.

क्या कहते हैं नेत्र रोग विशेषज्ञ

आइजीआइएमएस के पूर्व निदेशक व नेत्र रोग की विभागाध्यक्ष डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा ने कहा कि कंजक्टिवाइटिस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में कोई भी लक्षण दिखने पर आपको तुरंत नेत्र रोग डॉक्टर के पास जाना चाहिए. मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो इसको लेकर विभाग के डॉक्टरों को भी अलर्ट कर दिया गया है. इस बार बच्चों से लेकर युवा इस बीमारी के अधिक चपेट में आ रहे हैं. हालांकि बेहतर इलाज के बाद मरीज ठीक भी हो रहे हैं. कंजक्टिवाइटिस एक संक्रामक रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल सकता है, इसलिए इसे रोकने के लिए पीड़ित व्यक्ति काला चश्मा पहनकर रहें व आंखों को बार-बार छूने से बचें.

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ?

आंखों से संबंधित किसी भी समस्या में लापरवाही नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा है. कंजक्टिवाइटिस के गंभीर अवस्था में आँखों में धब्बा पड़ सकता है तथा यह एक संक्रामक बीमारी होने के कारण संक्रमण शरीर के अन्य क्षेत्रों में भी फैल सकता है, जिससे अधिक गंभीर और कई संक्रमण हो सकते हैं. अत: आँखों में उपरोक्त कोई भी लक्षण उत्पन्न होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

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