नालंदा यूनिवर्सिटी पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा- संवैधानिक संस्थाओं पर अमर्यादित टिप्पणी ठीक नहीं
नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि कुछ लोग संवैधानिक संस्थाओं पर आमर्यादित टिप्पणी करते हैं जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करना चाहिए.
ज्ञान-अर्जन और शिक्षा के क्षेत्र में नालंदा की ज्ञान परंपरा अतुलनीय है. नालंदा विश्वविद्यालय अपने इतिहास और विरासत के कारण दुनिया में अलग पहचान रखता है. देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नालंदा विश्वविद्यालय के सुषमा स्वराज सभागार में शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में यह बातें कहीं. उपराष्ट्रपति नालंदा विश्वविद्यालय के आचार्यों और देशी विदेशी छात्रों से संवाद के दौरान कहा कि वसुधैव कुटुंबकम, एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का विचार यहां जमीनी हकीकत है. अपनी अंतर्दृष्टि साझा करते हुए उपराष्ट्रपति ने प्राचीन नालंदा के अंतरराष्ट्रीय संबंधों और सदियों पुराने सभ्यतागत मूल्यों पर अपने विचार व्यक्त किये.
नालंदा के छात्रों पर विश्वविद्यालय को उसी गौरवशाली स्तर तक ले जाने की जिम्मेदारी
उपराष्ट्रपति ने कहा कि नालंदा के छात्रों पर एक बार फिर विश्वविद्यालय को उसी गौरवशाली स्तर तक ले जाने की जिम्मेदारी है. विश्वविद्यालय को जीरो नेट परिसर बनाने के लिए उन्होंने कुलपति की प्रशंसा की. कार्यक्रम में उन्होंने उद्घोषणा करते हुए यह भी कहा कि प्रतिष्ठित संस्था, इंडियन काउन्सिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स, शीघ्र ही नालंदा विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगी. उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के 50 छात्रों के समूह को अतिथि के रूप में नवनिर्मित संसद भवन, भारत-मंडपम, प्रधानमंत्री संग्रहालय, युद्ध-स्मारक और यशोभूमि का भ्रमण करने के लिए भी आमंत्रित किया.
संवैधानिक संस्थाओं पर अमर्यादित टिप्पणी चिंता का विषय
नालंदा में पढ़ने वाले विभिन्न राष्ट्रीयताओं के छात्र-छात्राओं ने उपराष्ट्रपति के साथ बातचीत की, जिसमें उन्होंने शिक्षा, पारिस्थितिकी और सॉफ्ट-पावर जैसे क्षेत्रों से संबंधित प्रश्नों पर अपने विचार रखे . उपराष्ट्रपति ने कहा कि उच्च पदों पर रहने वालों को मर्यादा का अनुपालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग संवैधानिक संस्थाओं पर आमर्यादित टिप्पणी करते हैं जो चिंता का विषय है. ऐसा नहीं करना चाहिए. यह आचरण देश की सांस्कृतिक धरोहर के विपरीत है. राजनीति में जितना बड़ा पद उतना मर्यादित आचरण करना चाहिए. उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनेगा. उन्होंने कहा कि नालंदा सर्वधर्म संभाव की स्थली है.
अंतरिम कुलपति ने उपराष्ट्रपति का किया स्वागत
उपराष्ट्रपति का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति प्रो अभय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार की भूमि प्रजातन्त्र और ज्ञान का उद्गम स्थल रही है. मगध के इस प्राचीन क्षेत्र ने प्रज्ञा, शांति और नैतिकता की रोशनी से समग्र विश्व को प्रकाशित किया है. उन्होंने यह भी कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय अपने नए रूप में भारत के सभ्यतागत अतीत से अनुप्राणित होकर विभिन्न देशों के साथ भारत के सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंधों को पुनर्स्थापित करने में प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय समुदाय इस संस्थान को उसके पूर्ववर्ती गौरव के शिखर पर पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है.
उपराष्ट्रपति ने किया पौधरोपण
भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय के नेट-जीरो हरित परिसर में आम का पौधरोपण भी किया. उपराष्ट्रपति हेलिकॉप्टर से राजगीर पहुंचे थे. हेलीपैड पर विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया. मंत्री श्रवण कुमार द्वारा बिहार सरकार की ओर से उपराष्ट्रपति का स्वागत किया गया. कुलपति प्रो सिंह द्वारा उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी को नालंदा विश्वविद्यालय का स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया.
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इस अवसर पर उपराष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, सांसद कौशलेंद्र कुमार, राजगीर नगर परिषद की मुख्य पार्षद जीरो देवी, नालंदा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ रमेश प्रताप सिंह परिहार, कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल पीएस मिनहास, डाॅ चंद्रदीप कौर, सौरभ कुमार, सभी संकायों के आचार्य, छात्र और कर्मचारी और छात्र इस अवसर पर उपस्थित रहे .
नालंदा से सुनील कुमार की रिपोर्ट