15 August: बिहार के 105 वर्षीय मालेश्वर मंडल, जब मैट्रिक परीक्षा देने के दौरान अंग्रेजों ने खदेड़ा…
हिंदुस्तान 15 अगस्त 2022 के दिन को आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. आजादी हासिल करने में अपनी भूमिका निभाने वाले भागलपुर के स्वतंत्रता सेनानी मालेश्वर मंडल 105 वर्ष के हैं. वो बताते हैं कि किस तरह अंग्रेजों से तब लोहा लेते रहे.
भारत आज यानी 15 अगस्त 2022 को आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. इस देश को आजाद कराने के लिए कई माताओं ने अपनी गोद सूनी करवा ली. बहनों को राखी के दिन एक खालीपन का सामना करना पड़ा. तब जाकर लंबे अरसे बाद ये आजादी मिली और आज इस खुले गगन के नीचे खड़ा हर हिन्दुस्तानी बुलंद आवाज में कहता है कि हम आजाद हैं.
आजादी में भागलपुर के रणबांकुरों की भी भूमिका
बिहार के भागलपुर में आज भी कई स्वतंत्रता सेनानी ऐसे हैं जिन्हें जानने की जरुरत है. इन रणबांकुरों की भूमिका भी आजादी में रही है. आजादी के इस 75वें वर्षगांठ पर ऐसे ही स्वतंत्रता सेनानी मालेश्वर मंडल उन दिनों की यादें साझा कर रहे हैं.
105 वर्ष के स्वतंत्रता सेनानी मालेश्वर मंडल
सुलतानगंज प्रखंड के करहरिया पंचायत के वार्ड-एक के स्वतंत्रता सेनानी मालेश्वर मंडल 105 वर्ष के हैं, लेकिन अभी भी उनके दिल में देश सेवा का जज्बा हिलोरे ले रहा है. आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर हर्ष व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि अगर देश सेवा में हमारी जरूरत पड़ेगी, तो हम आज भी आगे रहेंगे. उन्होंने बताया कि मैट्रिक की परीक्षा दे रहे थे. उसी दौरान अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ने का प्रयास किया.
अंग्रेजों ने स्टेशन पर पकड़ा
मालेश्वर मंडल बताते हैं क वह रेलवे लाइन होते हुए भाग रहे थे, इस बीच ट्रेन आ गयी. ट्रेन लगी और वह किसी तरह छुप कर ट्रेन में चले गये, लेकिन अंग्रेज को पता लग गया और जब गाड़ी रुकी, तो अगले स्टेशन पर कुछ साथियों ने बचाने का प्रयास किया, लेकिन नहीं बचा पाये और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
जेल से निकलने के बाद भी देश सेवा में तत्पर
बताते हैं कि तब अंग्रेज से लोगों को काफी डर लगता था और हम लोग अंग्रेजों को चकमा देकर देश की आजादी के लिए काम करते रहे. जेल से निकलने के बाद भी देश सेवा में तत्पर रहे और अंग्रेजों से लोहा लेते रहे. पत्नी आशा देवी, चार पुत्र और दो पुत्री भी इनके काम को याद कर गौरवान्वित हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan