शहर के बाजार में पांच रुपये से लेकर 1500 रुपये तक का तिरंगा उपलब्ध हैं. वहीं, खादी ग्रामोद्योग के बने तिरंगे की कीमत 250 से लेकर चार हजार तक है. तिरंगा के कारोबार में खादी ग्रामोद्योग का बड़ा योगदान रहा है. इस बार करीब 15 लाख का तिरंगा खादी ग्रामोद्योग ने बेचा है.
जिले के खादी सेंटरों से तिरंगे की जमकर बिक्री हो रही है. इसके अलावा शहर में फुटपाथ और बड़े दुकानों से भी तिरंगे की अच्छी बिक्री हो रही है. कई स्कूलों में थोक भाव से तिरंगे की सप्लाई हो रही है.
तिरंगा विक्रेता बताते है कि इस बार तिरंगे की डिमांड अधिक है. अधिकतर लोग अपने छत पर फहराने वाला तिरंगा खरीद रहे हैं. इसके अलावा स्कूली बच्चों में भी तिरंगे का अच्छा क्रेज दिख रहा है. इस बार खादी के झंडे की भी अच्छी बिक्री हो रही है.
पिछली बार मुजफ्फरपुर में खादी के तिरंगा का स्टॉक खत्म हो गया था, इसलिए इस बार पहले से अच्छी तैयारी की गई थी. करीब 15 लाख का तिरंगे की बिक्री हो चुकी है. सोमवार को भी अच्छी बिक्री हो रही है.
लोगों तक डाक विभाग हर घर तिरंगा अभियान मनाने के लिए ऑनलाइन तिरंगा घरों तक पहुंचा रहा है. रविवार होने के बाद भी मुजफ्फरपुर के 56 उपडाकघरों और प्रधान डाकघर से तिरंगा की बिक्री की गयी. डीएम व एसएसपी और सिविल सर्जन को भी डाकघर से तिरंगा भेंट किया गया है. एक तिरंगे की कीमत डाकघर में 25 रुपये रखी गयी है. डाकघर से रविवार तक चार लाख 62 हजार 500 रुपये के तिरंगे बेचे गये हैं. बच्चे भी अपने माता- पिता के साथ खरीददारी कर रहे हैं.
बता दें कि लोग स्वतंत्रता दिवस को लेकर काफी उत्साहित है और जमकर तिरंगे की खरीददारी कर रहे हैं.