Independence Day Special: जलेबी, सीओ-बुंदिया से मुंह मीठा कर जश्न-ए-आजादी मना रहे लोग, बढ़ी डिमांड

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जलेबी की मांग बढ़ गई है. लोग जलेबी व सीओ-बुंदिया से मुंह मीठा कर जश्न-ए-आजादी मना रहे हैं. इस बार दुकानदारों ने बताया कि मिठाई की काफी डिमांड बढ़ गई है. इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ लगाना पड़ता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2022 11:18 AM

भागलपुर. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मिठाई दुकानों में लोगों की चहल-पहल बढ़ गयी. लोग मिठाई दुकानदारों को एडवांस आर्डर दे रहे थे. पिछले साल कोरोना संकट से मिठाई दुकानों का शटर नहीं उठा था. इस बार आजादी के 75 वर्ष पूरा होने पर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. महोत्सव को लेकर मिठाई दुकानदारों में उत्साह है.

‘इस बार पहले से अधिक ऑर्डर मिले है’

शहर में मिठाई दुकानों व बिक्री के आंकड़े के अनुसार इस बार 400 क्विंटल जलेबी के साथ लोग आजादी का जश्न मनायेंगे. सियो व बुंदिया की बिक्री भी इतनी ही होगी. मिठाई दुकानदारों के अनुसार शहर के विभिन्न चौराहे पर दो-तीन मिठाई दुकान हैं. ऐसे में पूरे शहर में 500 से अधिक मिठाई की दुकानें हैं, जहां स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस पर जलेबी, सियो-बुंदिया की बिक्री होती है. इस बार पहले से अधिक ऑर्डर मिले हैं.

‘क्विंटल में बुंदिया, सिओ और जलेबी की बिक्री होती है’

मिठाई व्यवसायी नंदकिशोर साह ने बताया कि सामान्य दिनों में पांच से सात किलो-सियो और 10 किलो बुंदिया तैयार होता है. जलेबी 15 किलो बिक जाती है. स्वतंत्रता दिवस पर आर्डर देने वाले लोगों के हिसाब से एक क्विंटल किलो बुंदिया व सिओ और एक क्विंटल जलेबी की बिक्री होगी, अभी तो ऑर्डर आना शुरू ही हुआ है.

‘अतिरिक्त स्टाफ रखना पड़ता है’

मिठाई दुकानदार नेपाली शर्मा ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस पर अपने यहां अतिरिक्त स्टाफ रख लेते हैं, ताकि ग्राहकों की मांग पूरी कर सके. नंदकिशोर साह ने बताया कि अभी जलेबी बाजार में 80 से 120 रुपये किलो, बुंदिया 120 से 140 रुपये किलो, जबकि सियो 140 से 150 रुपये किलो बिक रहे हैं. इस बार महंगाई का असर दिख रहा है.

आजादी के जश्न में डूबा बाजार

स्वतंत्रता दिवस को लेकर बाजार तिरंगामय हो गया. झंडे, बैच, रिबन, गले व माथे का पट्टा, स्टीकर, कार व टेबुल फ्लैग से बाजार पटा था. बच्चों को खासकर तिरंगा बैलून बहुत पंसद आ रहा था. दुकानदाराें ने बताया कि इस बार महंगाई कम नहीं है, लेकिन लोगों के उत्साह ने महंगाई को पीछे छोड़ दिया है. महंगाई और व्यवसाय को संतुलित करने के लिए अपनी आमदनी को कम करना पड़ रहा है, ताकि स्वतंत्रता दिवस फीकी न पड़ जाये. व्यवसाय के बहाने देशभक्ति कर लें और नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस पर महंगाई आड़े न आये.

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