पटना के गांधी मैदान में 30 जनवरी को होगी I-N-D-I-A की पहली रैली, जानिए विपक्ष ने इस दिन को क्यों चुना?
इंडिया गठबंधन की पहली रैली 30 जनवरी को पटना के गांधी मैदान में होगी. विपक्षी दलों के नेताओं का पटना में जुटान होगा. 30 जनवरी को ही पहली रैली आयोजित किए जाने के पीछे भी एक बड़ी वजह रही है. जानिए दिल्ली की बैठक में भाजपा के खिलाफ और क्या रणनीति बनी..
मंगलवार को दिल्ली में विपक्षी दलों के गठबंधन I-N-D-I-A की चौथी बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में सीट शेयरिंग को लेकर मंथन किया गया. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री के चेहरे के रूप में देश के सामने लाने का प्रस्ताव ममता बनर्जी के द्वारा लाया गया. इस बैठक के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने साफ तौर पर कहा कि इंडिया गठबंधन की ओर से फिलहाल कोई प्रधानमंत्री पद का चेहरा नहीं होगा. चुनाव के बाद ही इसपर मिलकर फैसला लिया जाएगा कि किसे प्रधानमंत्री बनाया जाएगा. वहीं सीट शेयरिंग का गुणा-भाग पहले प्रदेशों में पार्टियां आपस में ही मिलकर करेंगी. अगर कोई पेंच फंसता है तो इंडिया गठबंधन का आलाकमान इसे सुलझाएगा. जबकि आने वाले दिनों में कई और बैठक होने की बात कही गयी है. वहीं इंडिया गठबंधन की पटना में 30 जनवरी को ऐतिहासिक गांधी मैदान में बड़ी रैली होगी.
30 जनवरी को पटना में इंडिया गठबंधन की रैली
गैर भाजपा दलों की इंडिया गठबंधन की पटना में 30 जनवरी को ऐतिहासिक गांधी मैदान में बड़ी रैली होगी. रैली में इंडिया गठबंधन के घटक दलों के सभी प्रमुख नेता शामिल होंगे. मंगलवार को नयी दिल्ली के अशोका होटल के कन्वेंशन हाल में करीब साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री के चेहरे के रूप में देश के सामने लाने का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रस्ताव दिया. ममता बनर्जी के प्रस्ताव को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समर्थन दिया. इंडिया की चौथी बैठक में यह फैसला हुआ कि इस महीने के अंत तक सीटों के बटवारे को अंतिम रूप दे दिया जायेगा. सीटों के बटवारा राज्य स्तर पर किये जाने की बनी सहमति बनी. संसद में विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया. 22 दिसंबर को दिल्ली और सभी राज्यों के राजधानियों में भाजपा के खिलाफ प्रतिवाद मार्च होगा.
30 जनवरी को रैली के लिए क्यों चुना गया..
इंडिया गठबंधन देश के करीब आठ से 10 जगहों पर साझा चुनावी कम्पेन करेगा. इसकी शुरूआत पटना में 30 जनवरी को होगी. बैठक में शामिल भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने 30 जनवरी को पटना में रैली किये जाने का प्रस्ताव दिया. 30 जनवरी को ही महात्मा गांधी की हत्या कर दी गयी थी. इसलिए इसी दिन रैली शुरू करने का प्रस्ताव दिया गया. पटना के अलावे देश के अन्य आठ से 10 जगहों पर भी रैली होगी. बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बैठक में देश के प्रमुख 28 दलों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया. बैठक में सभी दलों की राय भाजपा के खिलाफ साझा चुनाव लड़ने की सहमति बनी. बैठक में इंडिया के संयोजक बनाये जाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. इसके साथ ही बैठक में भाजपा की आलोचना करते हुए कहा गया कि प्रधानमंत्री विपक्ष मुक्त संसद और आंदोलन मुक्त सड़क का सपना देख रहे हैं. भाजपा की इन नीतियों का सभी दल मिल कर विरोध करेंगे. विपक्षी दलों ने इवीएम के कार्यप्रणाली को लेकर भी चर्चा की. बैठक में कहा गया कि सभी इवीएम के साथ वीवीपैट कनेक्शन हो और उसकी पर्ची मतदाताओं को दिखे.
Also Read: I.N.D.I.A. की बैठक में मिली जदयू को निराशा, नीतीश कुमार को संयोजक पद देने पर नहीं हुई कोई चर्चा
क्या बोले नीतीश कुमार..
बता दें कि बैठक के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पिछली बातों को भूलकर अब आगे तैयारी में लगना जरूरी है. वो चाहते हैं कि 31 दिसंबर तक सीटों का बंटवारा हो जाए. गौरतलब है कि कुल 28 दलों के शीर्ष नेताओं ने इस बैठक में हिस्सा लिया. वहीं अब प्रदेश में सीट शेयरिंग को लेकर आपस में बातचीत शुरू होगी. बिहार में इसबार जदयू भाजपा से अलग होकर राजद, कांग्रेस व वामदलाें के साथ मैदान में उतरने वाली है. बताते चलें कि इंडिया गठबंधन की पहली बैठक भी पटना में ही आयोजित की गयी थी. इसमें भाग लेने कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी पटना आए थे. वहीं शीर्ष विपक्षी नेताओं ने पटना में बैठक की थी.