जनता दल (यूनाइटेड)ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी सूरत में अपने 16 सांसदों की सीटों पर कोई समझौता नहीं करेगा. सीटों की अदला- बदली संभव है. जीती हुई सीट किसी भी सूरत में जदयू नहीं छोड़ेगा. यदि गठबंधन बनाना है तो त्याग करना होगा. पार्टी के वरिष्ठ नेता और सरकार में मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने सोमवार को सीट शेयरिंग को लेकर पार्टी का स्टैंड साफ कर दिया.
उन्होंने कहा कि हमारी सीटिंग सीट पर कोई बातचीत नहीं होगी. राज्य की चालीस सीटों में 24 सीट राजद और कांग्रेस के पास बचती है और यह कम नहीं है. गौरतलब है कि बिहार में जदयू के पास लोकसभा की 16 सीटें हैं. 2019 के आम चुनाव मेंं जदयू के उम्मीदवार 16 सीटों पर जीते थे.
यादव ने कहा कि सामान्य तौर पर जो गठबंधन होता है,उसमें सीटिंग पर कोई बात नहीं होती है. यह परंपरा रही है. जीती हुई सीट पर कोई समझौता नहीं होता. बाकी जो 24 सीटें बचती हैं, उसमें राजद और कांग्रेस तथा वामदलों को एडजस्ट करना है. यादव ने कहा कि हमारा राजद के साथ गठबंधन हुआ था. राजद के साथ कांग्रेस और वाम दल थे. हम किसी भी सूरत में अपनी सीटें नहीं छोड़ सकते हैं.सीटों की अदला बदली संभव है.
Also Read: भारतीय पसमांदा मंच के प्रदेश प्रभारी बने अरविंद, पढ़िए लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर क्या है संगठन की तैयारी
इधर, नयी दिल्ली में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने भी दोहराया कि पार्टी बिहार में अपनी सीटिंग सीटों पर कोई समझौता नहीं करेगा. सीटों का बंटवारा कांग्रेस,राजद और वामदलों के बीच होना है. जदयू से वार्ता करने की कोई जरूरत ही नहीं है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के निर्माता हैं. नीतीश कुमार संयोजक के पद से ऊपर हैं. राजनीति में बहुत कम लोग बचे हैं जो आरोपमुक्त हैं. नीतीश कुमार इसमें एक हैं.