भारत व नेपाल सीमा के 10 हजार किसानों के खेत तक नहीं पहुंचा पानी तो श्रमदान करके बदल दिया नदी का रास्ता
भारत व नेपाल के किसान गोगा नदी पर बना बांध रहे हैं. बताया जा रहा है कि किसान कम बारिश और खेतों में पानी की कमी से परेशान थे. इस बांध से 10 हजार किसानों के तीन हजार एकड़ खेत तक नदी का पानी पहुंचेगा. किसानों के द्वारा नौकइलवा गांव के समीप गोगा नदी पर बांध बनाया जा रहा है.
सोनबरसा में सामान्य वर्षा नहीं होने के कारण खेती की समस्या से जूझ रहे भारत व नेपाल के सैकड़ों किसानों ने आपसी एकता से नदी की धार का रुख अपने खेतों की ओर मोड़ने में जुट गये हैं. दोनों देश के किसान नेपाल की सीमा से सटे सर्लाही जिले के मंलगवा थाना क्षेत्र के नौकइलवा गांव के समीप अधवारा समूह की गोगा नदी में बांध बांधना शुरू कर दिया है. तेज रफ्तार से दिन-रात पसीना बहा कर श्रमदान कर रहे किसानों की मेहनत चार-पांच दिन में रंग दिखानी शुरू कर देगी.
दोनों देश के बीच बेटी-रोटी का नतीजा
बताया गया कि इंदरवा पंचायत के इंदरवा गांव के किसान पूर्व पंचायत समिति सदस्य अनिल कुमार महतो के नेतृत्व में दोनों देश के सैकड़ों किसान श्रमदान व आर्थिक सहयोग से बांध का निर्माण कर रहे हैं. यह बांध भारतीय सीमा क्षेत्र से दो किलोमीटर अंदर नेपाल में नौकइलवा व पिपरा गांव के समीप बन रहा है. इंदरवा गांव के किसान श्याम राय, शत्रुघ्न राय, पुनित राय, राम बाबू महतो, राज किशोर महतो, रामप्रीत राय, संजय राय, पारस राय, राम विलास महतो, गिरधारी राय व राम सेवक साह समेत अन्य किसानों ने बताया कि बांध बनने से नदी की धार बदल कर उत्तर भाग से नेपाल व दक्षिण भाग से नेपाल में जाकर भारत की खेतों की तरफ मुड़ जायेगी.
ढाई लाख का खर्च खुद कर रहे किसान
नेपाल के सखुआवा, नौकइलवा, त्रिभुवन नगर, भेलही, पिपरा, परसा व भारतीय सीमा क्षेत्र के इंदरवा, सहोरवा, नरकटिया व दलकावा के हजारों एकड़ से अधिक जमीन की पटवन होगी. यह बांध लगभग दो माह तक रहता है. सखुआवा गांव के किसान विद्यानंद राय, परमेश्वर, सूरजदेव दास व वीरेंद्र राय ने कहा कि बांध निर्माण में तकरीबन ढ़ाई लाख का खर्च दोनों देश के लाभान्वित होने वाले किसान आपसी सहयोग से करते हैं. भारत व नेपाल के बीच बेटी-रोटी के संबंध का नतीजा है कि मुश्किल काम भी आसान हो जाता है.