चीनी सेना से झड़प में शहीद हुए चंदन की सजने वाली थी बारात, जानें गांव वालों ने शहीद के लिए क्या कहा…

भारत-चीन बार्डर पर भारत- चीन सैनिकों की झड़प में सरहद की रक्षा करते हुए बिहार रेजिमेंट के जवान चंदन कुमार शहीद हो गए. शहीद जवान चंदन कुमार भोजपुर जिले के जगदीशपुर प्रखण्ड क्षेत्र के कौरा पंचायत के ज्ञानपुरा गांव निवासी ह्रदयानंद सिंह एवंम धर्मा देवी के सबसे छोटे पुत्र थे. चार भाइयो एवम चार बहनों मे सबसे छोटे चंदन कुमार जुलाई 2017 मे बिहार रेजिमेंट के 16वी कंपनी मे भर्ती हुए थे. फिलहाल वे लद्दाख के गलवन घाटी में भारत चीन बार्डर पर 18 माह से तैनात थे.इनके पिता ह्रदयानंद सिंह होमगार्ड के जवान थे जो बाद में ये गांव में ही खेती- बाड़ी का कार्य करते थे.

By ThakurShaktilochan Sandilya | June 19, 2020 11:05 AM

भारत-चीन बार्डर पर भारत- चीन सैनिकों की झड़प में सरहद की रक्षा करते हुए बिहार रेजिमेंट के जवान चंदन कुमार शहीद हो गए. शहीद जवान चंदन कुमार भोजपुर जिले के जगदीशपुर प्रखण्ड क्षेत्र के कौरा पंचायत के ज्ञानपुरा गांव निवासी ह्रदयानंद सिंह एवंम धर्मा देवी के सबसे छोटे पुत्र थे. चार भाइयो एवम चार बहनों मे सबसे छोटे चंदन कुमार जुलाई 2017 मे बिहार रेजिमेंट के 16वी कंपनी मे भर्ती हुए थे. फिलहाल वे लद्दाख के गलवन घाटी में भारत चीन बार्डर पर 18 माह से तैनात थे.इनके पिता ह्रदयानंद सिंह होमगार्ड के जवान थे जो बाद में ये गांव में ही खेती- बाड़ी का कार्य करते थे.

Also Read: भोजपुर के पैतृक गांव पहुंचा शहीद चंदन का पार्थिव शरीर, थोड़ी ही देर में दी जाएगी अंतिम विदाई
चारों भाई की है सेना में तैनाती

शहीद जवान चंदन कुमार के बड़े भाई देवकुमार आर्मी के इएमई, दूसरे नंबर के भाई संजीत कुमार सेना में, तीसरे नंबर के भाई गोपाल कुमार बिहार रेजिमेंट 9 वी बिहार के जवान हैं. भाइयों में सबसे छोटे चंदन कुमार बिहार रेजिमेंट के 16वी बिहार कंपनी कार्यरत थे. इनकी चार बहनों ऊषा देवी,सरस्वती देवी,सुमित्रा देवी,जूली देवी सभी विवाहित है.

1 मई को होने वाली थी शादी

चंदन कुमार की शादी इसी वर्ष  2020 में जगदीशपुर प्रखंड के सुल्तानपुर गांव में राजमहल सिंह की पुत्री के साथ होनेवाली थी. तिलक 29 अप्रैल व शादी की तारीख 1 मई तय थी. लेकिन कोरोना में लॉकडाउन के चलते शादी की तारीख को दोनो परिवारो की सहमति से आगे बढा दिया गया था.

नवम्बर में आए थे एक माह की छुट्टी पर

चंदन कुमार नवम्बर 2019  में करीब एक माह की छुट्टी पर अपने गांव आये थे और 20 दिसम्बर को वापस ड्यूटी पर लौट गये थे.चंदन कुमार के शहीद होने की सूचना बुधवार को दोपहर करीब 12 बजे उनके बड़े भाई देवकुमार जो गंगानगर मे आर्मी के इएमई में कार्यरत है, उनके द्वारा पिता ह्रदयनंद सिंह के मोबाइल पर दी गई कि भारत चीन सैनिकों के झड़प में गलवन घाटी के बार्डर पर देश की सीमा की सुरक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए. बहादुर चंदन कुमार के शहीद होने की खबर सुनते ही गांव सहित आसपास के क्षेत्रों मे शोक की लहर दौड़ गया. चंदन कुमार की माँ धर्मा देवी का रो रोकर बुरा हाल है. घटना की जानकारी लेने के लिए लोग उनके  घर पर उमड़ पड़े.

गांव के लोगों ने कहा…

गांव के श्याम बाबू सिंह, हरेनदर सिंह, बताते है कि चंदन कुमार बहुत मिलनसार स्वभाव के थे और सबसे मिलजुलकर कर हालचाल पूछते थे. उनमे और उनके पूरे परिवार में शुरू से ही देशभक्ति का जज्बा कूट कूट कर भरा हुआ था.चंदन कुमार की बात माता धर्मा देवी व पिता ह्रदयानंद सिंह से पिछले सोमवार 9 जून को हुई थी.और उनका हालचाल पूछा था.

Next Article

Exit mobile version