वैश्विक भुखमरी सूचकांक में पीछे रहने के बावजूद भारत से हो रही इस देश में गेहूं की तस्करी
भारत-नेपाल बॉर्डर पर खाद्यान्न की तस्करी हो रही है. भारतीय गेहूं 1800 में खरीद कर नेपाल में 3200 रुपये क्विंटल बेच रहे हैं. दोहरे लाभ को लेकर तस्कर धड़ल्ले से भारतीय गेहूं नेपाल पहुंचाने में लगे हुए हैं.
बेतिया: वैश्विक भुखमरी सूचकांक को लेकर बिहार के नेपाल बार्डर से दो तस्वीर सामने आ रही है. एक तो वैश्विक भुखमरी सूचकांक रिपोर्ट 2022 में नेपाल को भारत से बेहतर स्थिति में दिखाया गया है. वहीं, दूसरी तरफ इंडो- नेपाल सीमा आज कल अनाज तस्करों के लिए सेफ जोन बना हुआ है. दोहरे लाभ को लेकर तस्कर धड़ल्ले से भारतीय गेहूं नेपाल पहुंचाने में लगे हुए हैं. भारत से 1800 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं खरीदकर नेपाल में 3200 रुपये प्रति क्विंटल बेच रहे हैं.
इंडो- नेपाल सीमा तस्करों के लिए हो रहा है वरदान साबित
इंडो नेपाल सीमा के दर्जनों सीमावर्ती मार्ग तस्करों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं. बलथर थाना क्षेत्र के सोनरा टोला और सड़किया टोला गांव तस्करों के लिए सेफ जोन बना हुआ है. वहां से सैकड़ों क्विंटल गेहूं की तस्करी प्रतिदिन हो रही है. इसका कारण भारतीय क्षेत्र में 1800 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं का मूल्य नेपाल पहुंचते ही 3200 रुपये प्रति क्विंटल हो जाता है. दोहरे लाभ को लेकर तस्कर धड़ल्ले से भारतीय गेहूं नेपाल में पहुंचाने में लग गये हैं.
ट्रैक्टर ट्रॉली पर गेहूं लोड कर सीमाई इलाकों में हो रहा है तस्करी
जानकारी के अनुसार तस्कर ट्रैक्टर ट्रॉली पर गेहूं लोड कर सीमाई इलाकों में ले जाकर लगा देते हैं. उसके बाद हेड लोडर मजदूरों, साइकिल, बाइक पर लादकर पड़ोसी देश नेपाल के विभिन्न मार्गों से गेहूं को गंतव्य तक पहुंचाने का काम करते हैं. एक ट्रैक्टर गेहूं इस पार से उसपार कराने में प्रति ट्रेलर पचास हजार की कमाई तस्करों को हो रही है. हैरत की बात है सीमा पर स्थानीय पुलिस, कस्टम और एसएसबी की तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है. उसे तस्कर चकमा दे कर तस्करी की वरदात को अंजाम तक पहुंचाने में सफल हो रहे हैं.
अधिकारियों का नहीं पहुंचना भी है चर्चा का विषय
हालांकि ग्रामीणों द्वारा तस्करी की सूचना एवं निकलने वाले मार्ग की वीडियो क्लिप भी उपलब्ध करायी जाती है, उसके बाद भी सही समय से अधिकारियों का नहीं पहुंचना भी चर्चा का विषय बन गया है. पिछले दिनों तस्करी की सूचना पर पहुंचे एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट ने सोनरा टोला गांव ने एक ट्रैक्टर ट्राली पर लदे 12 बोरा गेहूं को देखा. देर से पहुंचे अंचलाधिकारी मनीष कुमार और बलथर थानाध्यक्ष अरविंद कुमार को कुछ नहीं मिला. असिस्टेंट कमांडेंट अभिजीत खैरवार ने बताया कि इसकी सूचना कमांडेंट को दी गयी है.
पेट्रोलिंग के लिए बाइक और जवान की मांग की गयी है
भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के ओपेन बॉर्डर से चीनी की तस्करी हो रही है. तस्कर सीमावर्ती क्षेत्र के गांव व छोटे बाजारों में चीनी का स्टॉक कर मौका मिलते नेपाली क्षेत्र में भेज दे रहे हैं. तस्कर मुख्यत: चकिया, मधुबन, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी हेनरी बाजार आदि क्षेत्रों से भारी मात्रा में चीनी मंगाकर रात व सुबह के अंधेरे में तस्करी को अंजाम दे रहे हैं.
नेपाल में बढ़ जाता है दाम
जानकार सूत्रों के अनुसार चीनी की तस्करी हाल के दिनों में ज्यादा हो रही है. भारतीय क्षेत्र में चीनी 38 से 40 रुपये किलो है. वहीं नेपाल सीमा में प्रवेश करते 55 से 58 रुपये किलो बिक रही है. छौड़ादानो, घोड़ासहन, झरौखर, कुण्डवा चैनपुर आदि थाना क्षेत्र के सीमावर्ती अधिकांश गांवों में दो से सात सिंडिकेट चीनी तस्कर के हैं. झरौखर में 9 अक्टूबर को तीन ट्रैक्टरों से डेढ़ सौ बैग व बलुआ में 16 अक्टूबर को तीन सौ बैग चीनी से जब्त की गयी थी. कस्टम सूत्रों का कहना है कि छौड़ादानो सहित अन्य इलाकों में कस्टम के अधिकारी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में जुटे हैं. नतीजा भी शीघ्र आयेगा.
सीमा क्षेत्र में तस्करों के लिए है सुरक्षित मार्ग
चीनी तस्करी को लेकर सीमावर्ती बलुआ गुआबारी गांव में आधा दर्जन सिंडिकेट सक्रिय है. इसके अलावा खरसलवा, झरौखर, महंगुआ, गुरनहवा, कुसमहवा आदि क्षेत्र में चीनी का स्टॉक कर नेपाल भेजा जा रहा है. इसमें पचपकड़ी, ढाका व पकड़ीदयाल, पताही तक के धंधेबाज शामिल हैं. वह पिकअप का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. बलुआ से आधा किमी की दूरी पर नेपाल है. झरौखर के खरसलवा, भंगहा होकर तस्कर प्रवेश करते हैं. गुरहनवा, भवानीपुर, बलुआ होकर नेपाल के बंजराहा, फिर तेलहारा, महंगुआ होकर नेपाल के मनमोहन गेट के रास्ते के अलावा चैनपुर के तिनमुहानी चौक से महुअलिया व तलमारी बाजार में प्रवेश कर जाते हैं. जानकार बताते है कि बलुआ पश्चिम टोला मंदिर के पास बगीचा में भी चीनी का स्टॉक किया जाता है. जिसे बाइक व साइकिल से नेपाल पहुंचा दिया जा रहा है.
तीन सौ बैग जब्त चीनी को ले जांच टीम गठित
बलुआ गांव में एसडीओ इफ्तेखार अहमद और डीएसपी सिकरहना राजेश कुमार के नेतृत्व में जांच के दौरान दो रोज पूर्व दो किराना दुकानों राजकिशोर जायसवाल व संजय जायसवाल से जब्त तीन सौ बैग चीनी मामले में मांग के बाद भी दुकानदार द्वारा कोई कागजात नहीं दिया गया. इसको ले एमओ ढाका उमाशंकर दास व कुंडवा चैनपुर थानाध्यक्ष को जांच की जिम्मेवारी दी गयी है. उल्लेख है कि एमओ के खिलाफ शिकायत पर उनसे जवाब-तलब करते हुए जांच टीम गठित कर दी गयी है. ऐसे में खुद की जांच में फंसे अधिकारी जांच को किस मुकाम पर ले जाते हैं, यह तो रिपोर्ट बतायेगी.