गया में सीता पथ पर बन रही भारत की सबसे लंबी मिथिला पेंटिंग, मां सीता के जीवन का किया गया है चित्रण
पितृपक्ष मेले में मिथिला पेंटिंग के जरिये मां सीता के जीवन से जुड़ी घटनाओं का चित्रण किया जा रहा है. इस पेंटिंग के बारे में बताया जा रहा है कि यह भारत की सबसे लंबी मिथिला पेंटिंग होगी. सीता पथ पर कुल 760 मीटर में मिथिला पेंटिंग बन रही है.
गया में लगने वाले विश्व प्रख्यात पितृपक्ष मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को इस बार मां सीता के जीवन से जुड़ी घटनाओं का चित्रण मिथिला पेंटिंग के जरिये देखने को मिलेगा. यह भारत की सबसे लंबी मिथिला पेंटिंग होगी. सीता पथ पर कुल 760 मीटर में मिथिला पेंटिंग बन रही है. 27 सितंबर बुधवार तक पेंटिंग का काम पूरा कर लिया जायेगा.
पेंटिंग के माध्यम से मां सीता की जीवनी का चित्रण किया गया है. मां सीता कैसे तर्पण करने गयाजी के सीता कुंड तक आयी इत्यादि सभी चीजें पेंटिंग से दर्शायी गयी हैं. इस पेंटिंग के बनने से घाट की खूबसूरती और बढ़ गयी है. इस पेंटिंग को सालोसाल सुरक्षित रखने के लिए पहल की जानी आवश्यक है.
डीएम डॉ. त्यागराजन बीते दिनों पितृपक्ष मेले को लेकर हो रही तैयारियों का जब जायजा लेने पहुंचे थे. तो उन्होंने सुझाव दिया था कि एलइडी पट्टी वाली लाइट, पूरे पेंटिंग वॉल के नीचे नीचे समानांतर लगाने से रात्रि में भी पेंटिंग काफी खूबसूरत दिखेगी. इस दौरान डीएम ने सीताकुंड में लगे विभिन्न नल के टैप को खोल कर देखा, जहां बंद था, उसे तुरंत ठीक करवाने को कहा. साफ-सफाई को और दुरुस्त कराने का निर्देश दिया.
डीएम डॉ त्यागराजन ने मंगलवार को अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मेला क्षेत्र को 329 सेक्टरों व 43 जोनों में बांटा गया है. सभी जगहों पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गयी है. इससे संबंधित ज्वाइंट आदेश जिला प्रशासन ने जारी कर दिया है. ज्वाइंट आदेश में अपनी ड्यूटी कैसे करें, इससे संबंधित पूरी जानकारी दी गयी है. पूरी तरह से ज्वाइंट आदेश का अध्ययन कर लें और पूरी तत्परता से अपनी ड्यूटी को करें. सभी पदाधिकारी प्रॉपर ड्रेस कोड में रहकर ड्यूटी का निर्वहन करें. सभी तीर्थ यात्रियों के साथ अच्छा व मधुर व्यवहार रखेंगे. पूरे सेवा भाव के साथ अपनी ड्यूटी करेंगे.
डीएम ने कहा कि सभी पिंडस्थल का अपना अलग-अलग महत्व है. अलग-अलग तिथि में अलग-अलग पिंडवेदी पर तीर्थयात्रियों की भीड़ रहेगी. इसके अलावा पितृपक्ष मेले की पूरी अवधि में देवघाट एवं विष्णुपद मंदिर में भीड़ यात्रियों की रहेगी. क्राउड मैनेजमेंट सबसे प्रमुख रहेगा.
डीएम ने कहा कि किसी भी तीर्थयात्री को जान-माल की क्षति नहीं हो, कोई व्यक्ति तालाब में नहीं डूबे, इसका पूरा ध्यान रखना होगा. सभी सरोवरों व देवघाट में एसडीआरएफ, गोताखोर व लाइफ जैकेट की उपलब्धता रखी गयी है. नाव की व्यवस्था रखी गयी है. सरोवरों में बैरिकेडिंग के साथ-साथ साइन बोर्ड भी लगाये गये हैं.
डीएम ने कहा कि विष्णुपद मंदिर के इर्द-गिर्द देव घाट के जाने वाले रास्ते काफी संकीर्ण है. इन सभी बिंदु को चौक पॉइंट चिह्नित किया गया है. भीड़ नियंत्रण के लिए पदाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी की अलग टीम रहेगी, ताकि कहीं भी भगदड़ की स्थिति नहीं हो सके.
डीएम ने कहा कि श्मशान घाट से लेकर गयाजी डैम तक एक समय में एक साथ 30 हजार तीर्थयात्री एक साथ बैठकर तर्पण कर सकते हैं. उसके पश्चात सभी तीर्थयात्रियों में होड़ रहती है कि वह मंदिर दर्शन करें. इस चीज पर विशेष ध्यान व सतर्कता बरतनी है कि तीर्थयात्री आसानी से कतारबद्ध तरीके से मंदिर में दर्शन करें.
डीएम ने कहा कि सेफ्टी व सिक्योरिटी के साथ सभी तीर्थयात्रियों को दर्शन कराएं. तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी नहीं हो, इस उद्देश्य के साथ आप कार्य करें. स्थानीय स्तर पर पंडा समाज से जरूर संवाद करें. सभी सेक्टर पदाधिकारी अपने ड्यूटी स्थान पर विभिन्न तीर्थयात्रियों से बातचीत कर उनकी बातों को समझें. उनकी कोई समस्याएं हैं, तो उसे तुरंत समाधान करवाने पर कार्य करें.
डीएम ने कहा कि मेला क्षेत्र के सभी स्थानों पर पर्याप्त संख्या में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए टॉयलेट लगाये गये हैं. निरंतर सफाई होते रहे, यह सुनिश्चित कराएं. सभी पार्किंग स्थलों पर रोशनी का पुख्ता इंतजाम, ड्राइवर-खलासी के रहने की व्यवस्था तथा टॉयलेट व पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित रखें. डीएम ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार का कोई ह्रास नहीं किया जाये, इसे सुनिश्चित कराएं. मेला क्षेत्र, बस व स्टेशन रेलवे इत्यादि में कहीं भी दूषित खाना नहीं बेचे अथवा नहीं परोसे जाये, इस पर पूरी निगरानी रखें.
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