India Nepal Railway : पांच साल में बनेगी रक्सौल-काठमांडू रेललाइन, रेलवे बोर्ड से अनुमति का इंतजार
रक्सौल से काठमांडू के बीच 136 किमी नयी रेललाइन बिछाने में कम-से-पांच से छह साल लगेंगे. इसके लिए सर्वे का काम पूरा होने के बाद रेलवे बोर्ड के समक्ष डीपीआर प्रस्तुत किया गया है. अब रेलवे बोर्ड से काम शुरू करने की अनुमति का इंतजार है.
प्रमोद झा, पटना. नेपाल के साथ बिहार का जो बेटी-रोटी का संबंध है, वह रक्सौल-काठमांडू के बीच रेललाइन बनने से और मजबूत होगा.
रक्सौल से काठमांडू के बीच 136 किमी नयी रेललाइन बिछाने में कम-से-पांच से छह साल लगेंगे. इसके लिए सर्वे का काम पूरा होने के बाद रेलवे बोर्ड के समक्ष डीपीआर प्रस्तुत किया गया है. अब रेलवे बोर्ड से काम शुरू करने की अनुमति का इंतजार है.
रेलवे अधिकारियों की मानें तो इस संबंध में जल्द निर्णय लिये जाने की संभावना है. नयी रेललाइन बनने पर यह पूर्व मध्य रेल जोन के लिए उपलब्धि होगी.
65वां रेल सप्ताह में पूर्व मध्य रेल के जीएम ललित चंद्र त्रिवेदी ने कहा कि रक्सौल से काठमांडू के बीच नयी रेल लाइन बनाने का काम होगा. साथ ही जयनगर से जनकपुर के बीच बनी रेललाइन पर नेपाल सरकार से अनुमति मिलने के बाद ट्रेन परिचालन शुरू होगा. उन्होंने कहा कि पूमरे को 10 हजार करोड़ रुपये खर्च करने के लिए मिले हैं.
दो साल पहले हुआ सर्वे
रक्सौल-काठमांडू रेललाइन बनाने के लिए सर्वे मार्च, 2019 में ही पूरा कर लिया गया है. कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने सर्वे के बाद डीपीआर तैयार कर रेलवे बोर्ड को सौंपी है. इसको लेकर भारत-नेपाल के बीच 2018 में समझौता हुआ था.
यह रेललाइन रक्सौल से बीरगंज, पथलैया, निजगढ़ होते हुए काठमांडू तक जायेगी. इसमें 20% भाग में सुरंग व पुलों का निर्माण करना होगा. सूत्र ने बताया कि रेलवे बोर्ड से अनुमति मिलने के बाद काम शुरू होगा. पहाड़ों पर काम करना है.
Posted by Ashish Jha