धमौरा पंचायत के खैरटिया गांव के ट्राईसम भवन में शनिवार को इंडो नेपाल के भिखनाठोरी स्थित नाला के पानी के विवाद को लेकर आपसी सहमति के लिए एक बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता जिला पार्षद शैलेंद्र गढ़वाल ने की. इस दौरान प्रखंड प्रमुख जयप्रकाश पासवान, धमौरा मुखिया राम बिहारी महतो,जमुनिया मुखिया विक्की गढ़वाल, पूर्णमासी मांझी, मधुरेंद्र महतो. नंद किशोर महतो, गुमस्ता विजय महतो, वार्ड सदस्य विजय महतो, सुरेश्वर यादव, छोटे लाल यादव, रामनाथ यादव, रमाशंकर यादव बैठक में उपस्थित रहे. उपस्थित लोगों में नेपाल के जनप्रतिनिधि ग्रामीणों के प्रति काफी आक्रोश देखा गया. इनका कहना था कि जहां एक तरफ इंडो नेपाल के बीच पीलर के बंटवारे को लेकर हमलोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है.
भिखनाठोरी बॉर्डर से निकलकर भारतीय सीमा में दो नाले आते हैं. जिसे एक्वा परसौनी, भवानीपुर, खैरटिया, भटनी, धमौरा आदि गांवों के करीब 300 एकड़ फसल की पटवन होती है. आज नाला बंद हो जाने से सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो रही है. ग्रामीणों ने कहा कि अपने हक का पानी लेकर रहेंगे. वहीं नेपाली प्रतिनिधि व जनता का कहना है कि नेपाल से एक नाला से ही पानी मिलेगा जो नाला एकवा परसौनी जा रहा है, उसी नाला की पानी को दो भाग करना होगा. लेकिन भारतीय किसानों के बीच इस बात को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है.
बैठक में शैलेंद्र गढ़वाल ने उग्र भीड़ को समझाते हुए कहा है कि नेपाली जनप्रतिनिधियों द्वारा 18 सितंबर को दोनों पक्षों के उपस्थिति के बीच में एक ठोस निर्णय लेने का कहा गया है तो इसे देख लिया जाए. उसके बाद हम भारतीय किसान अपना फैसला स्वयं कर लेंगे कि अब आगे हमें क्या करना है. सदियों से बॉर्डर से इस पार दो नाला से पानी आता है तो वह आएगा, इसके लिए हम तैयार हैं और हम किसी हाल में पीछे नहीं हटेंगे.