कोसी महासेतु पर स्पीड ट्रायल में 100 की रफ्तार से गुजरा इंजन, जानें कब होगी परिचालन की घोषणा
सुपौल के सरायगढ़ रेलवे स्टेशन से लेकर आसनपुर कुपहा रेलवे हॉल्ट के बीच रविवार को स्पीड ट्रायल लिया गया. इस दौरान रेल इंजन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को पार कर गया. रेलखंड में कोसी महासेतु के उपर से भी इस दौरान रेल इंजन गुजरी. स्पीड ट्रायल की सफलता के साथ ही अब इस रेलखंड के सीआरएस ट्रायल होने का रास्ता साफ हो गया है.
समस्तीपुर : सुपौल के सरायगढ़ रेलवे स्टेशन से लेकर आसनपुर कुपहा रेलवे हॉल्ट के बीच रविवार को स्पीड ट्रायल लिया गया. इस दौरान रेल इंजन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को पार कर गया. रेलखंड में कोसी महासेतु के उपर से भी इस दौरान रेल इंजन गुजरी. स्पीड ट्रायल की सफलता के साथ ही अब इस रेलखंड के सीआरएस ट्रायल होने का रास्ता साफ हो गया है.
ट्रायल के दौरान मौजूद थे कई अधिकारीमुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी बृजेश कुमार, चीफ इंजीनियर एके राय, उप मुख्य अभियंता डीएस श्रीवास्तव के अगुवाई में स्पीड ट्रायल लिया गया. इससे पहले अभियंताओं की टीम ने मोटर ट्रॉली से सरायगढ़ रेलवे स्टेशन से आसनपुर कुपहा बड़ी रेल लाइन का निरीक्षण किया. निरीक्षण से लौटने के उपरांत स्पीडी ट्रायल के लिए ट्रेन दौड़ाई गई. सरायगढ़ रेलवे स्टेशन से 1 बजकर 40 मिनट में आसनपुर कुपहा रेलवे हॉल्ट के लिये स्पेशल इंजन को रवाना किया गया. 1 बजकर 56 मिनट में आसनपुर कुपहा रेलवे हॉल्ट पर इंजन पहुंचा. वहीं आसनपुर कुपहा से 2 बजकर 10 मिनट में सरायगढ़ के लिए ट्रेन रवाना किया गया.
सरायगढ से आसनपुर कुपहा के बीच ट्रेनों के परिचालन शुरु होने की संभावनायें अगस्त माह में बलवती हो रही है. रेल सूत्रों की मानें तो सीआरएस ट्रायल के बाद अगर परिचालन की अनुमति मिल जाती है तो रेल मंडल इस रेलखंड पर जल्द से जल्द ट्रेनों की रवानगी के लिये तैयार है. जिससे इस रेलखंड पर लोगों को बेहतर परिवहन के साधन मिल सके .
घटेगी दूरी तो कम होगा सफर का समयलगभग 1.9 किलोमीटर लंबे नये कोसी महासेतु सहित 22 किलोमीटर लंबे निर्मली-सरायगढ़ रेलखंड का निर्माण वर्ष 2003-04 में 323.41 करोड़ की लागत से स्वीकृत किया गया था. इसके उपरांत दिनांक 6.6.2003 को इसका शिलान्यास किया गया. परियोजना की अद्यतन अनुमानित लागत 516.02 करोड़ है. 23 जून, 2020 को इस नवनिर्मित रेल पुल पर पहली बार ट्रेन का सफलता पूर्वक परिचालन किया गया. निर्मली जहां दरभंगा-सकरी-झंझारपुर मीटर गेज लाइन पर अवस्थित एक टर्मिनल स्टेशन था वहीं सरायगढ़, सहरसा और फारबिसगंज मीटर गेज रेलखंड पर अवस्थित था.
1887 में तिरहुत स्टेट रेलवे ने शुरु किया था परिचालनसन 1887 में तिरहुत स्टेट रेलवे ने निर्मली और सरायगढ़ (भपटियाही) के बीच एक मीटर गेज रेल लाइन का निर्माण किया था. उस समय कोसी नदी का बहाव इन दोनों स्टेशनों के मध्य नहीं था.उस समय कोसी की एक सहायक नदी तिलयु्गा इन स्टेशनों के मध्य बहती थी जिसके ऊपर लगभग 250 फीट लंबा एक पुल था. 1934 में यह पुल ध्वस्त हो गया एवं कोसी नदी निर्मली एवं सरायगढ़ के बीच आ गई. निर्मली से सरायगढ़ तक का सफर वर्तमान मे दरभंगा-समस्तीपुर-खगड़िया -मानसी-सहरसा होते हुए 298 किलोमीटर का है. इस पुल के निर्माण से यह 298 किलोमीटर की दूरी मात्र 22 किलोमीटर में सिमट जायेगी.
posted by ashish jha