आनंद तिवारी, पटना: ट्रेन के जनरल व स्लीपर कोच में सफर करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है. यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए ट्रेनों की कोच संरचना फिर बदलेगी. अब ट्रेन में कम से कम चार अनारक्षित (जनरल) कोच जरूर लगेंगे. जबकि स्लीपर कोच की संख्या भी सात से कम नहीं होगी. इसके लिए रेलवे बोर्ड ने पूर्व मध्य रेल समेत सभी जोन को आदेश जारी कर दिया है. इसी क्रम में पूमरे ने भी इस पर अमल भी शुरू कर दिया है. इसके बाद यात्रियों को राहत देने की तैयारी की जायेगी. जानकारों की मानें, तो करीब दो साल पहले रेलवे ने ट्रेनों की संरचना बदलने का आदेश दिया था. हालांकि, उस समय एसी कोच बढ़ाने पर जोर दिया गया था. दो के बदले चार से पांच एसी कोच लगाये गये थे. इसके चलते ज्यादातर ट्रेनों में अनारक्षित कोच की संख्या महज दो कर दी गयी थी. जबकि कुछ ट्रेनों में स्लीपर कोच भी चार ही लगाये जाने लगे. इसके चलते जनरल और स्लीपर में भीड़ बढ़ गयी. हालत इतने विकट हो गये कि त्योहार पर जनरल कोच में इंट्री पाना भी जंग जीतने जैसा रहा.
यात्रियों की लगातार भीड़ और हो रही परेशानी की शिकायतें भी रेलवे मंत्रालय तक पहुंचती रहीं. इसको देखते हुए रेलवे बोर्ड ने ट्रेन संरचना को लेकर नजरिया बदला. वहीं बोर्ड के कोचिंग कॉम्प्लेक्स के कार्यकारी निदेशक सत्येंद्र कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ट्रेनों में जनरल के कम से कम चार कोच लगाये जायेंगे. जबकि स्लीपर के छह से सात कोच लगाये जाने का निर्देश दिया गया है.
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– भागलपुर जम्मूतवी एक्सप्रेस
– ओखा गुवाहाटी एक्सप्रेस
– इस्लामपुर मगध एक्सप्रेस
– सिकंदराबाद दानापुर एक्सप्रेस
– राजेंद्र नगर लोकमान्य तिलक कुर्ला एक्सप्रेस
– पाटलिपुत्र एलटीटी एक्सप्रेस
पटना जंक्शन से दिल्ली व मुंबई की ओर जाने वाली अधिकांश प्रमुख ट्रेनों में रोजाना सीट को लेकर मारामारी की स्थिति रहती है. शादी और पर्व त्योहार में भीड़ तीन से चार गुना अधिक हो जाती है. हालांकि रेलवे की ओर से स्पेशल ट्रेन चलायी जाती है, लेकिन स्पेशल ट्रेनों में सीट खाली होने के बाद भी रूटीन ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ अधिक रहती है. हालत यह रहती है कि यात्री प्लेटफॉर्म के उल्टी तरफ खड़े होकर सफर करते हैं. अधिकांश यात्री तो अपनी जान हथेली पर रख सफर करते हुए देखे जाते हैं. ऐसे में कोच बढ़ने पर यात्रियों को काफी राहत मिलेगी.
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इधर, हावड़ा-रक्सौल-हावड़ा जाने वाली मिथिला एक्सप्रेस में लगातार यात्रियों की बढ़ रही भीड़ को देखते हुए रेलवे फिर से मिथिला एक्सप्रेस के स्लीपर व जनरल बोगी की संख्या में वृद्धि कर सकता है. भीतर ही भीतर इसकी कवायद तेज हो गयी है. पहले स्लीपर के 10 और थ्री एसी के तीन बोगी हुआ करता था. वहीं, जनरल की चार बोगियां थी. बीच में रेलवे ने बदलाव किया. अभी मिथिला एक्सप्रेस में टू-एसी के दो, थ्री- एसी के 10, स्लीपर के चार, जनरल के दो और एसएलआर सहित गार्ड की दो बोगी है. रेलवे एसी बोगी की संख्या को कम कर स्लीपर व जनरल बोगी बढ़ाने पर फिर से फैसला ले सकता है. दरअसल, अभी हावड़ा जाने वाली मिथिला एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए रोजाना भारी भीड़ उमड़ रही है. उत्तर बिहार से हावड़ा जाने वाली यह महत्वपूर्ण ट्रेन है. ऐसे में यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे लगातार पहल कर रहा है.
छठ के बाद से मिथिला एक्सप्रेस में यात्रियों की भीड़ जन सैलाब बनकर उमड़ रही है. इससे रोज स्लीपर और जनरल बोगी में सवार होने के दौरान यात्रियों के बीच धक्का- मुक्की व अफरा तफरी की स्थिति बनी रहती है. भीड़ कंट्रोल करना सुरक्षा कर्मियों के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य बना रहता है. आरपीएफ व जीआरपी के अधिकारी व कर्मचारी शांति से मिथिला एक्सप्रेस जंक्शन से रवाना हो जाये. इसका इंतजार करते रहते हैं. शनिवार को भी मिथिला की बोगियों में पैर रखने की जगह नहीं थी. यात्री गेट व पायदान पर लटकर यात्रा करने को मजबूर हैं. जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं.