Indian Railways: ट्रेन में 1200 टीटी को दिया गया था पीओएस मशीन, कनेक्टिविटी नहीं होने से हो रही बेकार
अब जहां पटना समेत बड़े शहरों व महानगरों में 5जी सेवा शुरू हो गयी है. वहीं पूर्व मध्य रेलवे के सभी मंडलों में किराया व जुर्माना लेने के लिए टीटीइ को टूजी नेटवर्क की पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनें थमा दी गयी हैं. जैसे ही ट्रेन चलती है, नेटवर्क की समस्या आ जाती है.
आनंद तिवारी, पटना
अब जहां पटना समेत बड़े शहरों व महानगरों में 5जी सेवा शुरू हो गयी है. वहीं पूर्व मध्य रेलवे के सभी मंडलों में किराया व जुर्माना लेने के लिए टीटीइ को टूजी नेटवर्क की पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनें थमा दी गयी हैं. जैसे ही ट्रेन चलती है, नेटवर्क की समस्या आ जाती है. सूत्रों की मानें, तो चलती ट्रेन में बीते छह महीने में इस मशीन से एक भी टिकट का किराया या जुर्माना ऑनलाइन जमा नहीं हो पाया है. आउटडेटेज मशीन के चलते रेलवे को हाइटेक बनाने की योजना फ्लॉप हो गयी है. अकेले दानापुर मंडल के करीब 650 टीटीइ को यह मशीन दी गयी थी, लेकिन वर्तमान में एक भी मशीन काम नहीं कर रही है.
एसबीआइ से किया गया था अनुबंध
जानकारी के मुताबिक, पूमरे में वर्ष 2021 में एसबीआइ (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) से अनुबंध किया गया. एसबीआइ की ओर से करीब 1200 से अधिक पीओएस मशीनें खरीदी गयीं. इन्हें टीटीइ के अलावा पार्सल विभाग को भी दिया गया. सितंबर 2021 में टीटीइ को ये मशीनें दे भी दी गयीं. साथ ही एक्सेस फेयर टिकट (इएफटी) व्यवस्था समाप्त करने की बात कही गयी. लेकिन, जब मशीनों का इस्तेमाल शुरू हुआ, तो नेटवर्क की समस्या हर जगह आने लगी. इस मशीन में वाइफाइ से कनेक्ट करने की भी सुविधा नहीं है. लिहाजा, अब ये मशीनें टीटीइ के बैग में ही रखी रहती हैं.
इएफटी से बना रहे टिकट
जानकारों की मानें, तो काफी प्रयास के बाद भी यह सिस्टम सफल नहीं हो सका. रेलवे ने कई बार पत्र लिखा, तो मशीन को 3जी में अपग्रेड किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी. वहीं दूसरी ओर पीओएस मशीनों के काम नहीं करने पर रेल प्रशासन ने एक्सेस फेयर टिकट (इएफटी) की सुविधा दुबारा से शुरू कर दी है.
फर्जीवाड़े को रोकने की थी योजना
पीओएस मशीन का इस्तेमाल करके रेलवे की योजना, जुर्माना व किराया लेने में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकना है. कई बार फर्जी टीटीइ भी पकड़े जा चुके हैं. इसी प्रकार कुछ टीटीइ द्वारा नकली इएफटी से किराया लेने की बात भी सामने आ चुकी है. वहीं, मशीन के माध्यम से जो भी भुगतान होगा, वह सीधे एसबीआइ में रेलवे के खाते में पहुंच जायेगा. टीटीइ को रास्ते में पैसा सहेजने और उसे काउंटर पर जमा करने से छुटकारा मिल जाता है.
जल्द 4जी से जोड़े जाने की उम्मीद
पूमरे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि रेलवे ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को निर्बाध गति से चलाने के लिए इन मशीनों को 4जी से जोड़ने की योजना बनायी गयी है. अभी इन उपकरणों में टूजी सिम होने की वजह से दिक्कतें आ रही हैं. जल्द ही इन मशीनों को भी 4जी से जोड़े जाने की उम्मीद है, क्योंकि इन समस्याओं को लेकर संबंधित विभाग को पत्र लिखा गया है.