Indian Railways देश के विभिन्न शहरों के स्टेशन को यात्री सुविधा के लिहाज से बेहतर बनाने के लिये मंत्रालय स्टेशनों का पुनर्विकास कर रहा है. इसके लिये तकनीकी-आर्थिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जाती है. पहले चरण में रेल मंत्रालय द्वारा 43 स्टेशनों का पुनर्विकास का काम चल रहा है और अब मंत्रालय ने अन्य 57 स्टेशनों को पुनर्विकास के लिये चयन किया है. इसमें बिहार का गया, बापूधाम मोतिहारी और मुजफ्फरपुर स्टेशन शामिल है. स्टेशनों के आधुनिकीकरण और बेहतर सुविधाओं से लैस करने का काम लगातार चल रहा है. इस मद में आवंटन जोनल आधार पर किया जाता है.
भारतीय रेल मंत्रालय के द्वारा देश के चिहिन्त रेलवे स्टेशनों के विकास के लिए वर्ष 2019-20 में 1881.40 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया और 1903 करोड़ रुपये खर्च हुआ. जबकि वर्ष 2020-21 में 2615.15 करोड़ रुपये और 2021-22 में 2344 करोड़ रुपये और 2022-23 में 2700 करोड़ का आवंटन किया गया है. लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देने के तहत रेलवे ने वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट के तहत समाज के वंचित तबके के लिये 535 स्टेशन पर 572 आउटलेट का निर्माण किया है. जिसमें प्रमुख स्थानीय उत्पाद की बिक्री की जाती है. राज्यसभा में पूछे गये एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी.
गया रेलवे स्टेशन में हाल के दिनों में कई विकास का काम हुआ है. मगर स्टेशन का मेन भवन करीब सौ वर्ष पुराना है. ऐसे में इसे ध्वस्त करके ग्रीन बिल्डिंग के कॉसेप्ट पर नये भवन का निर्माण किया जाएगा. ये भवन वेंटिलेशन व एयर फ्लो व अन्य की आधुनिक सुविधा होगी. वर्ष 2065 तक रेलवे यात्रियों की संख्या व उनकी जरूरत को ध्यान में रखकर स्टेशन को वर्स्ड क्लास बनायी जा रही है. स्टेशन पर पार्किंग भी हाइटेक होगी. इसे अंडरग्राउंड या हाइटेक बनाया जाएगा. स्टेशन पर एक्सेस कंट्रोल गेट व प्रत्येक प्लेटफार्म पर एस्केलेटर व लिफ्ट लगाये जायेंगे. खान-पान, वॉशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट आदि शामिल होंगे