बिहार में टला बड़ा रेल हादसा, कपलिंग टूटने से दो टुकड़ों में बंटी मालगाड़ी, 32 बोगियां छोड़कर आगे निकला इंजन
छपरा सोनपुर रेलखंड पर बड़ा गोपाल स्टेशन और गोल्डिनगंज स्टेशन के कपलिंग टूटने से चलती मालगाड़ी दो हिस्सों में बंट गई. ट्रेन का इंजन 8 डिब्बों को लेकर दस किलोमीटर आगे चला गया. वहीं 32 डिब्बे पीछे रह गए.
बिहार में एक बार फिर से बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया. शनिवार को छपरा -सोनपुर रेलखंड के बड़ा गोपाल स्टेशन और गोल्डिनगंज स्टेशन के बीच कपलिंग टूटने की वजह से एक चलती हुई मालगाड़ी दो हिस्सों में बंट गई. नतीजा यह हुआ कि मालगाड़ी की आगे की आठ बोगियों को लेकर ट्रेन ड्राइवर कई किलोमीटर तक आगे चला गया, जबकि बाकी की 32 बोगियां पीछे ही छूट गई. करीब 10 किमी आगे जाने के बाद ड्राइवर को इस बात की जानकारी हुई तो उसने ट्रेन रोकी. इस घटना से रेलवे में हड़कंप मच गया है. गनीमत यह रही कि इस दौरान किसी तरह के जान माल का नुकसान नहीं हुआ. वहीं रेलवे इस मामले में जांच करने की बात कह रहा है.
कपलिंग टूटने से दो हिस्सों में बंटी ट्रेन
जानकारी के मुताबिक, छपरा सोनपुर रेलखंड पर बड़ा गोपाल स्टेशन से मालगाड़ी छपरा की ओर जा रही थी. इस दौरान जब मालगाड़ी बड़ा गोपाल स्टेशन के पश्चिमी सिग्नल से गुजरी तो ट्रेन की कपलिंग टूट गयी. जिससे ट्रेन के दो टुकड़े हो गए. ड्राइवर को इसकी जानकारी तक नहीं हुई और वह मालगाड़ी की आठ बोगियां लेकर आगे बढ़ गया. इधर, बाकी की 32 बोगियां स्पीड कम होने से वहीं बड़ा गोपाल स्टेशन के सिग्नल पर रुक गईं.
गार्ड ने दी हादसे की जानकारी
इसके बाद ट्रेन के गार्ड ने कपलिंग टूटने से मालगाड़ी की बोगियों के अलग होने की सूचना स्टेशन अधिकारियों को दी. बड़ा गोपाल और गोल्डिनगंज स्टेशन के बीच हादसे की जानकारी मिलते ही अधिकारियों ने ड्राइवर को इस बात की खबर दी. जिसके बाद ड्राइवर ने ट्रेन वहीं रोक दी.
मालगाड़ी के डिब्बों किया गया साइड
हादसे की जानकारी मिलते ही रेलवे में हड़कंप मच गया. बचाव दल के कर्मी और अधिकारी आनन-फानन में मौके पर पहुंच गए. इसके बाद दोनों स्टेशनों पर पटरी से मालगाड़ी के डिब्बों को हटाया गया. बताया गया कि बड़ा गोपाल में अलग हुई बोगियों को दूसरा इंजन भेज कर गोल्डिनगंज स्टेशन पर ले जाया जाएगा. इसके बाद ट्रेन को अपने गंतव्य के लिए रवाना किया जाएगा.
हो सकता था बड़ा हादसा
यह तो संयोग अच्छा था कि छपरा में यार्ड रिमॉडलिंग की वजह से कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन किया गया है. साथ ही कई ट्रेनें रद्द भी हैं. हादसे के वक्त भी उस ट्रैक से किसी ट्रेन के गुजरने का वक्त नहीं थी. अगर होता तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था.