भागलपुर. भागलपुर से बांका के बीच नयी विद्युतीकृत रेललाइन की मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) एएम चौधरी ने जांच की. इसके साथ इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों के परिचालन को हरी झंडी मिल गयी. केवल अब रिपोर्ट आने भर की देरी है.
सीआरएस जांच के दौरान किसी तरह की कोई खामी नहीं मिली. तीन दिनों में इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन परिचालन संबंधित रिपोर्ट मालदा मंडल मुख्यालय को भेज दी जायेगी. मुख्य संरक्षा आयुक्त श्री चौधरी मंगलवार सुबह करीब नौ बजे स्पेशल ट्रेन से भागलपुर से निकले और जांच करते हुए दोपहर दो बजे के करीब बांका पहुंची.
इस बीच हर स्टेशन और रेलवे क्रॉसिंग की जांच की. वापसी में बांका से भागलपुर के बीच इलेक्ट्रिक इंजन से जुड़ कर सीआरएस स्पेशल ट्रेन भागलपुर पहुंची. सीआरएस जांच के दौरान मालदा रेल मंडल के डीआरएम यतेंद्र कुमार समेत मंडल के कई अधिकारी व सीनियर डीओएम एके मौर्या, डीइएन-2 राजीव कुमार, ट्रैफिक इंस्पेक्टर राजीव शंकर, बीबी तिवारी, मुख्य लोको इंस्पेक्टर एमएम पांडे व अन्य थे.
बांका-भागलुपर के बीच स्पीड ट्रायल लिया गया. सीआरएस स्पेशल ट्रेन महज 58 मिनट में ही 51 किमी की दूरी तय कर भागलपुर पहुंच गयी. इस दौरान रास्ते में किसी तरह की परेशानी नहीं आयी. इससे पहले जाने के क्रम में रेलवे ओवर ब्रिज, रेल ब्रिज-18, एलसी गेट 10सी समेत टेकानी व बेला स्टेशन का भी निरीक्षण किया गया.
इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन परिचालन शुरू होने के बाद भागलपुर-बांका रेल सेक्शन पर मेमू ट्रेन (मेन लाइन मल्टीपल ट्रेन) भी दौड़ेगी. इससे यात्रियों को समय की बचत होगी. साथ ही 51 किमी की दूरी के बीच स्टेशनों पर इंजन बदलने का जरूरत भी नहीं रहेगी. वर्तमान में भागलपुर से बांका की दूरी तय करने में ट्रेनों को ढाई से तीन घंटे लगते हैं. इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलने के बाद यह दूरी दो-ढाई घंटे में तय होगी.
सीआरएस जांच से भागलपुर लौटे मालदा रेल मंडल के डीआरएम यतेंद्र कुमार ने स्टेशन का निरीक्षण किया. इस दौरान कई वेंडर स्टॉल पर पहुंचे और वहां के खाद्य पदार्थों के एक्सपायरी डेट को देखा. उन्होंने प्लेटफॉर्म संख्या एक का घूम-घूम कर निरीक्षण किया और यात्री सुविधा का भी जायजा लिया गया.
डीआरएम यतेंद्र कुमार ने यात्रियों से ट्रेन की छतों पर सफर नहीं करने की अपील की. यात्रियों को दूरी बना कर सफर करने की बात कही.
Posted by Ashish Jha