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Indian Railways / IRCTC / Train News : अब एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों के कोच में बढ़ेंगी सीटें, जानिये नये कोच की और क्या होगी खासियत

अब ट्रेनों के कोच में सीटों में इजाफा होगा. रेलवे अब नयी तकनीक तैयार करने में जुटी है. फिलहाल भारत के तीन सबसे बड़ी रेल फैक्टरियों में कोच को तैयार किये जा रहे हैं. सर्वप्रथम पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर रेल मंडल को पांच कोच दिये गये हैं.

सहरसा. अब ट्रेनों के कोच में सीटों में इजाफा होगा. रेलवे अब नयी तकनीक तैयार करने में जुटी है. फिलहाल भारत के तीन सबसे बड़ी रेल फैक्टरियों में कोच को तैयार किये जा रहे हैं. सर्वप्रथम पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर रेल मंडल को पांच कोच दिये गये हैं.

रेल अधिकारियों के अनुसार फिलहाल कोच को शॉर्ट डिस्टैंस की ट्रेनों में ही लगाने की पर विचार है. मुख्यालय से निर्देश मिलते ही महत्वपूर्ण ट्रेनों में यह जोड़ा जायेगा. इसके बाद समस्तीपुर रेल मंडल भी इस कोच को लाने की तैयारी में जुटा है. एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों के कोच में सीटें बढ़ने से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

कोच मिलते ही रेल मंडल के सबसे महत्वपूर्ण ट्रेन सहरसा-पटना राजरानी सुपरफास्ट, सहरसा-राजेंद्रनगर और जयनगर-राजेंद्रनगर इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेनों में अटैच किया जायेगा. समस्तीपुर रेल मंडल के अधिकारी के अनुसार उम्मीद है कि अगले महीने में ही यह सुविधा मिलेगी. फिलहाल देश की कपूरथला रायबरेली मॉडर्न कोच फैक्टरी और चेन्नई की इंट्रिग रियल रेल कोच फैक्टरी में यह आधुनिक डिजाइन से कोच तैयार किया जा रहा है.

पूर्व मध्य रेलवे में दानापुर रेल मंडल के पास समस्तीपुर रेल मंडल को जल्द ही इस डिजाइन से तैयार कोच उपलब्ध कराया जायेगा. रेल अधिकारियों के अनुसार जैसे-जैसे फैक्टरी में यह तैयार होगा, वैसे-वैसे रेल मंडल की ट्रेनों में उपलब्ध कराया जायेगा.

एक ट्रेन में आगे और पीछे दो कोच लगाये जायेंगे. समस्तीपुर रेल मंडल के अधिकारियों का कहना है कि सर्वप्रथम जहां विद्युत ट्रेनों का परिचालन होता है, उस रेलखंड पर सुविधा मिलेगी.

पहले शॉर्ट डिस्टेंस की ट्रेनों में यह कोच लैस किया जायेगा. बाद में वैशाली, हाटे बाजार, क्लोन हमसफर, बिहार संपर्क क्रांति जैसी ट्रेनों में यह सुविधा मिलेगी. रेल अधिकारियों ने कारण बताते हुए कहा कि फिलहाल जो भी ट्रेनें चलायी जा रही हैं, विद्युत और डीजल से चलायी जा रही हैं. विद्युत इंजन में डीजल की खपत होती है. इस कोच के आने से ईंधन की खपत समाप्त होगी और रेलवे काे करोड़ों रुपये बचेंगे.

दिव्यांग यात्री व्हीलचेयर से सीधा ट्रेन के कोच में कर सकेंगे प्रवेश

इस आधुनिक कोच का डिजाइन काफी बेहतर बनाया गया है. यात्रियों का प्रवेश गेट का फुट चौड़ा होगा. खासकर दिव्यांग यात्री व्हीलचेयर से सीधा कोच में प्रवेश कर सकेंगे. यात्री व्हीलचेयर ये अपनी सीट से शौचालय तक जा सकेंगे. शौचालय का गेट भी काफी चौड़ी होगा. एक ही साथ इस आधुनिक कोच में समान यात्री दिव्यांग यात्री गार्ड और लगेज रखने की व्यवस्था होगी.

कोच की खासियत

फिलहाल देश की कपूरथला रायबरेली मॉडर्न कोच फैक्ट्री और चेन्नई की इंट्रिग रियल रेल कोच फैक्ट्री में यह आधुनिक डिजाइन से कोच तैयार किये जा रहे हैं. पूर्व मध्य रेलवे में दानापुर रेलमंडल के पास समस्तीपुर रेलमंडल को जल्द ही कोच उपलब्ध कराया जायेगा.

रेल अधिकारियों के अनुसार जैसे-जैसे फैक्ट्री में यह तैयार होगा, वैसे-वैसे रेलमंडल के ट्रेनों में उपलब्ध कराया जायेगा. एक ट्रेन में आगे और पीछे दो कोच लगाये जायेंगे. खासकर इस कोच की खासियत होगी कि यह पूरी तरह एलएचबी होगा. आधुनिक डिजाइनर से तैयार दिव्यांगों के लिए सोने और बैठने की सीटें काफी चौड़ी होंगी.

दिव्यांगों के लिए शौचालय आधुनिक तरीके से तैयार होगा और सेपरेट होगा. वहीं समान यात्रियों के लिए भी इस कोच में शौचालय पूरी तरह से सेपरेट होगा. गार्ड के लिए भी शौचालय चौड़ा और सेपरेट होगा.

लगेज रखने की भी होगी व्यवस्था

एलएसएलआरटी कोच की खासियत यह होगी कि इसमें यात्रियों की बैठने की सीटें एसएलआर कोच की अपेक्षा अधिक होगी. यह कोच ट्रेनों के आगे और पीछे एसएलआर कोच की जगह लगाये जायेंगे. अब तक एसएलआर कोच में दिव्यांग यात्रियों की बैठने की जगह होती है और ब्रेक यान की भी व्यवस्था होती थी.

एसएलआर में दो भाग होते हैं. एक में दिव्यांग यात्रियों के लिए आठ से 10 सीटें होती हैं और दूसरे भाग में सामान्य यात्रियों के लिए 20 सीटें होती हैं. अब कोरोना संक्रमण के बाद देश में जो भी ट्रेनें चल रही हैं, उन्हें स्पेशल के रूप में चलाया जा रहा है, जिसमें सभी यात्रियों की सीटें आरक्षित होती हैं.

नयी तकनीकी से तैयार एलएचबी कोच लगने के बाद इसमें डीजल जेनेरेटर यानी पावर कार ब्रेक नहीं लगेगा. उसकी जगह यात्रियों की सीटों में वृद्धि होगी. खासकर इसमें दिव्यांगयों को प्राथमिकता दी जायेगी. सभी कोच एलएचबी होंगे. बैठने की सीटों के अलावा ब्रेक यान और लगेज रखने की भी व्यवस्था होगी.

समस्तीपुर रेल मंडल के अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि यह कोच आने से इंजन में ईंधन की बचत होगी. सीधी ट्रेन विद्युत इंजन से दौड़ेगी. लेकिन फिलहाल वैशाली, क्लोन हमसफर जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों में अगर यह कोच की सुविधा मिलेगी तो सबसे पीछे डीजल जेनेरेटर कार कोच भी लगाया जोड़ा जायेगा, ताकि विद्युत इंजन से दौड़ने वाली ट्रेनों में अगर कुछ तकनीकी खराबी आये तो डीजी सेट की मदद ली जा सकेगी.

अब पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों में 46 अतिरिक्त सीटों की वृद्धि होगी. इस आधुनिक डिजाइन से तैयार कोच में 46 अतिरिक्त सीटें बढ़ेंगी. 41 सीटों के समान यात्रियों के लिए होंगे. छह सीटें दिव्यांग यात्री के लिए होंगे और चार सीटें दिव्यांग यात्रियों के अटेंडेंट के लिए होंगी. इस कोच के लगने से डीजल जेनेरेटर पावर ब्रेक हटेगा. शत-प्रतिशत ट्रेन हेड ऑफ ऑन जेनरेशन से चलेगी.

अधिकारी पक्ष

हाजीपुर जोन के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि एलएसएलआरडी आधुनिक कोच काफी उच्च श्रेणी के डिजाइन से तैयार किया जा रहा है. दानापुर रेल मंडल में फिलहाल दो कोच ही उपलब्ध हुए हैं. इसे लंबी दूरी की ट्रेनों में जोड़ा जायेगा.

अभी इस टेक्नोलॉजी का कुछ काम तैयार हो रहा है. इसलिए एक ट्रेन में एक ही कोच ट्रेन के पिछले हिस्से में जोड़ा जायेगा. इस कोच के लगने से 46 अतिरिक्त सीटें बढ़ेंगी. आधुनिक डिजाइन से तैयार कोच में दिव्यांग यात्रियों का व्हीलचेयर आसानी से प्रवेश कर सकेगा. समस्तीपुर रेल मंडल में राज्यरानी, इंटरसिटी, बिहार संपर्क क्रांति आदि ट्रेनों को प्रमुखता दी जायेगी.

Posted by Ashish Jha

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