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Indian Railways: मिथिला एक्सप्रेस के दिव्यांग कोच से होती है सब्जी की ढुलाई, भीड़ देखकर डर जाएंगे आप

रक्सौल से हावड़ा जाने के क्रम में सब्जी बेचने वालों का बोगियों में कब्जा होता है. ये बोगी के गेट से लेकर पैसेज में सब्जी की टोकरी या फिर बोरा रख देते हैं. इससे बोगी में बैठे यात्रियों को उतरने-चढ़ने में परेशानी होती है. इसके साथ ही, रक्सौल से समस्तीपुर तक तकरीबन सभी छोटे-बड़े स्टेशनों पर रुकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2022 6:12 AM

रक्सौल से हावड़ा जाने वाली मिथिला एक्सप्रेस रक्सौल से समस्तीपुर तक तकरीबन सभी छोटे-बड़े स्टेशनों पर रुकती है. इस कारण इस ट्रेन में हर दिन भीड़ रहती है. डेली पैसेंजर जनरल बोगी में सफर करते हैं. इससे रिजर्वेशन कोर्च में बैठे यात्रियों को परेशानी नहीं होती है. लेकिन, इन दिनों देखा जा रहा कि रक्सौल से हावड़ा जाने के क्रम में सब्जी बेचने वालों का बोगियों में कब्जा होता है. ये बोगी के गेट से लेकर पैसेज में सब्जी की टोकरी या फिर बोरा रख देते हैं. इससे बोगी में बैठे यात्रियों को उतरने-चढ़ने में परेशानी होती है. अगर टोक दिया जाये, तो सब्जी वाले मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. गुरुवार को मिथिला एक्सप्रेस का कुछ ऐसा ही नजारा था. मिथिला एक्सप्रेस में भीड़ थी. ट्रेन अपने समय पर जंक्शन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर खड़ी हुई. इसके बाद लोग उस पर टूट पड़ी. सीपीआरओ ने बताया कि इसकी जांच करायी जायेगी. जो भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई होगी.

दिव्यांग बोगी पर भी रहा कब्जा

भीड़ ने दिव्यांग बोगी को भी नहीं बख्शा. आननफानन में उसमें बैठ गये. इसके बाद सब्जी विक्रेता भी ठेला लेकर पहुंचे और दिव्यांग बोगी में सब्जी की टोकरी लोड कर दी. इससे बोगी का गेट पूरी तरह जाम हो गया. जैसे ही ट्रेन खुलने को हुई, कुछ यात्री उक्त बोग में चढ़ने का प्रयास किये, लेकिन गेट सब्जी के बोरे व टोकरी से जाम होने के कारण उन्हें चलती ट्रेन से उतरना पड़ा. वे बाल-बाल बचे.

पार्सल कोच में बुकिंग नहीं होने से लगता है चूना

रेलवे के एक पदाधिकारी ने बताया कि इसकी निगरानी करने के लिए आरपीएफ की तैनाती है. लेकिन, वे इस पर कड़ाई नहीं करते हैं. इसका फायदा उठाकर सब्जी विक्रेता खुलेआम बोरा लोड करते हैं. बताया जाता है कि अवैध ठेला से लेकर सब्जी विक्रेता स्टेशन पहुंचते हैं. अवैध ठेला को प्लेटफॉर्म तक प्रवेश दिया जाता है. वे पार्सल कोच में बुक नहीं कराते. अवैध ढ‍ुलाई से रेलवे को चूना लग रहा है.

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