Indian Railways : सवारी ट्रेनों से नहीं हो रही आमदनी, अनाज ढुलाई से रेलवे के राजस्व में हो रही वृद्धि

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से लोग काफी परेशान हैं. अब सरकार की ओर से लॉकडाउन की घोषणा हो जाने के कारण कारोबार प्रभावित होने की आशंका गहरा गयी है. कोरोना का असर ट्रेनों पर भी पड़ने लगा है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 5, 2021 11:39 AM

गया. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से लोग काफी परेशान हैं. अब सरकार की ओर से लॉकडाउन की घोषणा हो जाने के कारण कारोबार प्रभावित होने की आशंका गहरा गयी है. कोरोना का असर ट्रेनों पर भी पड़ने लगा है. जहां एक दिन में रेलवे की कमाई लाखों रुपये की होती थी, वहां आज हजारों की कमाई हो रही है.

रेलवे का दिन-प्रतिदिन राजस्व घटता जा रहा है. संक्रमण के कारण लोग सफर करने से परहेज कर रहे हैं. इस कारण रेलवे के टिकट मात्र 10 प्रतिशत ही बुक हो रहे हैं. कई ट्रेनों में लोग यात्रा करने से भी बच रहे हैं.

यहीं कारण है कि गया रेलवे स्टेशन से गुजरने व खुलनेवाली ट्रेनों में काफी मात्रा में सीटें खाली रह रही हैं. हालांकि, इस बीच, अपना राजस्व बढ़ाने के लिए रेलवे ने कई स्पेशल मालगाड़ियों का परिचालन शुरू किया है.

इससे अनाज सहित अन्य खाद्यान्न की ढुलाई हो रही है. इससे रेलवे के राजस्व में वृद्धि हो रही है. मानपुर, सोननगर, भभुआ, चाकंद पहलेजा गुड्स शेडों से अनाज व खाद्यान्न का आवागमन होता है.

सर्वे रिपोर्ट से जानें अनाज की ढुलाई : रेलवे ने वर्ष 2019-20 के सामान्य वित्त वर्ष की तुलना में 2021-22 के दौरान 10 प्रतिशत अधिक रिकॉर्ड माल की ढुलाई की है. इससे पहले किसी भी अप्रैल महीने में सर्वश्रेष्ठ माल ढुलाई अप्रैल 2019 में 101.04 मीट्रिक टन रही है.

मिशन मोड में रेलवे ने अप्रैल, 2021 में 111.47 मिलियन टन माल की ढुलाई की है. इसमें 51.87 मिलियन टन कोयला, 14.83 मिलियन टन लौह अयस्क, 3.47 मिलियन टन खाद्यान्न, 2.53 मिलियन टन उर्वरक, 3.58 मिलियन टन खनिज तेल, 7.1 मिलियन टन सीमेंट( क्लिंकर को छोड़ कर) और 4.88 मिलियन टन क्लिंकर शामिल है.

जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) राजेश कुमार ने बताया कि अप्रैल 2021 में रेलवे को माल ढुलाई से 11163.93 करोड़ रुपये की आय हुई. उन्होंने बताया कि माल ढुलाई को अत्यधिक आकर्षक बनाने के लिए रेलवे की ओर से कई तरह की रियायतें भी दी जाती हैं.

माल ढुलाई में हुए इस सुधार को संस्थागत बनाया जायेगा और इसे आने वाली शून्य आधारित समय सारिणी में भी शामिल करके इसी नये स्तर पर रखा जायेगा. सीपीआरओ ने बताया कि रेलवे ने कोविड 19 का उपयोग अपनी चहुंमुखी कार्यक्षमता और प्रदर्शन में सुधार के लिए एक अवसर के रूप में किया.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version