होली पर अपने गांव आए परदेसियों के लिए वापस काम पर जाना मुश्किल हो गया है. लंबी दूरी की सभी ट्रेनों में नो रूम हो गया है. तत्काल टिकट के लिए भी रतजगा करनी पड़ रही है. रेलवे की ओर से दी गयी स्पेशल ट्रेन की स्थिति बहुत ही बदतर है. आरक्षण तो पहले से ही फुल है और उसके समय पर पहुंचने को लेकर भी कई प्रकार की चर्चा चल रही है. बताते चलें कि होली पर बड़ी संख्या में परदेसी परिजनों संग त्योहार मनाने के लिए अपने घर आये थे. त्योहार संपन्न करने के बाद अब वो वापस जाना चाह रहे हैं. लेकिन उनको वापस अपने काम पर जाने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा. लंबी दूरी की प्रायः ट्रेनों में अगले 10 दिनों तक आरक्षण फुल चल रहा है. ऐसे में यात्रियों के लिए पहुंच पाना काफी कठिन हो गया है.
सामान्य आरक्षण फुल होने तथा वेटिंग टिकट की लंबी सूची रहने के कारण यात्रियों के सामने तत्काल टिकट एक मात्र विकल्प रह गया है. इसके लिए खगड़िया जंक्शन, मानसी स्टेशन, बेगूसराय सहित अन्य स्टेशनों पर यात्री रतजगा कर रहे हैं. बावजूद कामयाबी नहीं मिल पाती. कारण, मुश्किल दूसरे मांग पत्र पर तत्काल टिकट कन्फर्म मिल पाता है. इसके बाद वेटिंग आ जाता है.
तीसरे मांग पत्र पर न तो स्लीपर श्रेणी में आरक्षण मिल पाता है और न ही एसी कोच के लिए ही. इस वजह से कई दिनों तक यात्रियों को पूरा दिन और पूरी रात तत्काल टिकट की कतार में गुजारनी पड़ रही है. दो दिनों से तत्काल टिकट के लिए परेशान मनोज साह ने बताया कि पहले दिन सातवां नंबर मिला. दूसरे दिन चौथे नंबर पर था, बावजूद हमसे पहले ही वेटिंग आ गया.
यूं तो लंबी दूरी की तमाम गाड़ियों में भीड़ है, लेकिन सर्वाधिक टिकट की डिमांड दिल्ली व मुंबई की ओर जाने वाली गाड़ियों की है. इसमें बांद्रा टरमिनल के हमसफर एक्सप्रेस में चार अप्रैल तक का नहीं मिल रहा सामान्य श्रेणी में टिकट. वहीं दिल्ली के के लिए महानंदा, वैशाली, सीमांचल सहित आधे दर्जन ट्रेनों में अगले 10 दिनों तक वेटिंग टिकट मिल रहा है.