अगर किसी की मौत ट्रेन से गिरने या रेल ट्रैक पर कटने से हो जाय तो रेल पुलिस उसे नहीं उठायेगी. सूचना के बाद भी संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर यह कहा जाएगा की शव भले ही सड़ जाय, पर उसे रेल पुलिस नहीं उठाएगी. इसका जीता जागता सबूत खुद रेल पुलिस ही दे रही है. नरकटियागंज-गोखुला रेलखंड के पंडई नदी पुल के समीप एक अज्ञात का शव पिछले तीन दिनों से रेल ट्रैक के किनारे पड़ा रहा. लेकिन सूचना के बाद भी रेल पुलिस ने शव नहीं उठाया. शव की सड़ांध से जब बदबू ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया. तब लोगों ने इसकी सूचना शिकारपुर पुलिस को दी. शिकारपुर पुलिस ने क्षत विक्षत शव को बरामद करते हुए थाना लायी और पोस्टमार्टम के लिए बेतिया भेज दिया.
इन सब के बीच बताया जा रहा है कि शव वहां दो तीन दिन से पड़ा था. बताया जाता है कि सोमवार को रक्सौल से आयी रेल पुलिस की टीम ने शव के बारे में जानकारी भी ली और चुपचाप खिसक गयी. सीमा क्षेत्र का हवाला देकर रेल पुलिस के अधिकारी चुपके से खिसक लिये. वो तो भला हो शिकारपुर पुलिस का जिसने सूचना मिलते ही मंगलवार को पंडई नदी के समीप पहुंची और रेल ट्रैक के पास शव को बरामद कर थाना लायी और लगे का बदबू से मुक्ति मिली. बीते एक अगस्त को भी साठी में रेल ट्रेक पर मिले शव को जब रेल पुलिस ने नहीं उठाया तो साठी थानाध्यक्ष उदय कुमार ने स्वयं अपने हाथों से शव को उठाया और पोस्टमार्टम के लिए बेतिया भिजवाया. यहां भी हुआ जो नरकटियागंज में हुआ. रेल पुलिस रेल ट्रेक पर पडे शवों को देख अपना मुंह मोड़ ले रही है.
पंडई नदी के किनारे रेल ट्रैक के समीप मिले अज्ञात शव के खून के धब्बे रेल ट्रैक पर मिले हैं. थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया प्रतीत हो रहा है कि किसी ट्रेन से गिरकर उसकी मौत हुई है. रेलवे ट्रैक पर खून के निशान मिले हैं और जिस स्थल से शव बरामद किया गया है. वहां भी खून के धब्बे मिले हैं. मृतक की उम्र करीब पचास वर्ष के आस पास की लग रही है. उन्होंने बताया कि घटना दो तीन दिन पहले का प्रतीत हो रहा है. सियार कुत्ते आदि के नोचने से शव पूरी तरह से क्षत विक्षत हो गया है. शव से काफी बदबू भी आ रही थी. उन्होंने बताया कि सुनसान जगह होने से किसी की नजर शव पर नही पड़ी है. बदबू उठने पर लोगो ने शव देखा और पुलिस को सूचना दी. उन्होंने बताया कि शव की पहचान कराई जा रही है.
साठी में बीते एक अगस्त को रेल ट्रैक पर शव को जब रेल पुलिस की ओर से नहीं उठाया गया तो साठी थानाध्यक्ष ने खुद अपने हाथों से शव को उठाया और सदगति देने की कोशिश की. वही सोमवार की अहले सुबह जब शिकारपुर थानाध्यक्ष अजय कुमार को सूचना मिली तो वे भी अपनी टीम के साथ घटना स्थल पहुंचे और शव को कब्जे में लिया. थानाध्यक्ष ने बताया कि लोगो ने जब सूचना दी कि दुर्गंध से रहना मुश्किल हो गया है तो वे फौरन घटनास्थल पहुंचे और शव को कब्जे में लिया. दोनों थानाध्यक्षों के इस कार्य की पूरे क्षेत्र में जमकर सराहना हो रही है. वही लोग रेल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं.