Indian Railways के संरक्षा आयुक्त पूर्वी सर्किल कोलकता सुवोमोय मित्रा ने बुधवार को मुजफ्फरपुर-सगौली रेललाइन दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत 16 किमी लंबी महवल-मेहसी-चकिया नवदोहरीकृत रेलखंड का निरीक्षण किया. संरक्षा आयुक्त (रेलवे) स्थानीय अधिकारियों के साथ ट्राॅली से महवल से चकिया रेलखंड का निरीक्षण कर रेलखंड का जायजा लिया. इसके बाद संरक्षा आयुक्त ने महवल से चकिया तक विशेष ट्रेन से सफलतापूर्वक स्पीड ट्रायल भी किया. ट्रेन 120 किमी की अधिकतम रफ्तार से दौड़ी
पूमरे के मुख्य जनसूचना अधिकारी बीरेंद्र कुमार ने बताया कि करीब 1586 करोड़ की लागत से 101 किमी मुजफ्फरपुर-सगौली रेलखंड का दोहरीकरण परियोजना पर काम चल जारी है. मुजफ्फरपुर -सगौली दोहरीकरण परियोजना (101 किमी) को छह खंडों में बांट कर काम किया जा रहा है.
सीपीआरओ ने बताया कि इनमें से 16 किलोमीटर लंबे महवल से चकिया तक के दोहरीकरण का काम पूरा हो गया है. बुधवार को संरक्षा आयुक्त (रेलवे) ने इसका निरीक्षण किया. संरक्षा आयुक्त की अनुमति प्राप्त होने के उपरांत इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ कर दिया जायेगा.
दोहरीकरण परियोजना के तहत अब मुजफ्फरपुर में नयी रेललाइन के निर्माण में तेजी लायी जायेगी. चकिया से सुगौली तक दोहरीकरण का काम पहले ही पूरा हो चुका है. अब निर्माण विभाग ने मोतीपुर, कांटी के अलावा शहरी क्षेत्र में मुजफ्फरपुर जंक्शन तक नयी रेललाइन निर्माण के लिए कवायद तेज कर दी है.
उत्तर बिहार के लिए अहम मानी जाने वाली मुजफ्फरपुर-वाल्मीकिनगर रेललाइन दोहरीकरण परियोजना पर कुल 2402 करोड़ खर्च होंगे. कुल 211 किमी लंबी रेललाइन को डबल किया जाना है. मुजफ्फरपुर -वाल्मीकिनगर रेलमार्ग डबल होने से मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण में ट्रेनों के परिचालन क्षमता व कनेक्टिविटी और बेहतर होगा. इसके बाद नयी ट्रेनें उत्तर बिहार को मिल सकेंगी.