गया. पंडित दीनदयाल उपाध्याय-धनबाद रेलखंड कर अब जल्द ही 130 के बजाय 160 की स्पीड से ट्रेनों का परिचालन किया जायेगा. डीडीयू-धनबाद रेलखंड पर कई महीनों से 160 की स्पीड में ट्रेनों के परिचालन को लेकर कामकाज शुरू है. यहीं नहीं, पुरानी रेललाइन को बदल कर नये ट्रैक लगाने का काम शुरू किया गया है. नयी रेललाइन लगाने का काम खत्म होने के बाद महत्वपूर्ण ट्रेनों की स्पीड बढ़ जायेगी. लगातार गया-धनबाद रेलखंड पर मेगा ब्लॉक लेकर कामकाज किये जा रहे हैं, ताकि समय सीमा के अंदर योजनाओं को पूरा किया जा सके.
पंडित दीनदयाल स्टेशन से लेकर धनबाद व झाझा तक के ट्रैक को दुरुस्त किया जा रहा है. इसके बाद ट्रैक तैयार कर लेने पर तेजस और दूसरी हाई स्पीड की ट्रेनों की सवारी संभव हो सकेगी. साथ ही इस रेलखंड पर एलएचबी काेच युक्त ट्रेनें 160 किमी प्रतिघंटा तक चल सकेंगी. गौरतलब है कि कुछ माह पहले निरीक्षण के दौरान जीएम के साथ प्रमुख मुख्य इंजीनियर, प्रमुख मुख्य सिग्नल व दूरसंचार इंजीनियर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल के डीआरएम समेत कई उच्चाधिकारियों ने जायजा लिया था.
रेलवे की ओर से पंडित दीनदयाल जंक्शन से लेकर धनबाद व झाझा तक के ट्रैक को 160 किलोमीटर की गति से चलने लायक बनाया जा रहा है. इन रेलखंडों से सारे कॉशन हटा लिये गये हैं. रेलवे ट्रैक को नया करने का काम भी अंतिम चरण में है. पुराने पुलों के गर्डर को बदल कर नया कर दिया गया है. संरक्षा के ख्याल से सारे सिग्नल सिस्टम को आधुनिक बना दिया गया है. स्वचालित सिग्नल प्रणाली को बढ़ावा दिया गया है. सारे पैनल को बदलकर रूट रिले इंटरलाकिंग सिस्टम से लैस किया गया है. गौरतलब है कि 160 की गति से ट्रेनों के चलाने के लिए एलएचबी रैक की जरूरत होगी. पुराने परंपरागत आइसीएफ कोचों की रैक को अधिकतम 110 किमी गति से ही चलाने की अनुमति दी गयी है. हालांकि प्रायोगिक रूप से इन कोचों को भी 130 की गति से चलाया जा सकता ह.
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हाजीपुर मुख्यालय के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि डीडीयू से झाझा व डीडीयू से धनबाद के रेलवे ट्रैक को पहले चरण में 130 की गति से ट्रेनों का परिचालन किया गया है. अब 160 की तैयारी चल रही है. महाप्रबंधक स्वयं इसकी लगातार मॉनीटिरिंग कर रहे हैं. कोशिश की जा रही है कि निर्धारित समय से पूर्व ही मिशन 160 को मूर्त रूप दिया जा सके.