Indigo officer Rupesh murder case : वाट्सएप कॉलिंग का मिला अहम क्लू, संपत्ति, टेंडर के अलावा एक और बिंदु पर SIT कर रही जांच

इंडिगो एयरलायंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या के मामले में एसआइटी को वाट्सएप कॉलिंग का अहम क्लू मिला है. वाट्सएप कॉल पर किस नंबर से कितनी देर बात हुई, इसकी जानकारी भी एसआइटी ने लगा ली है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 16, 2021 6:28 AM

शुभम कुमार, पटना. इंडिगो एयरलायंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या के मामले में एसआइटी को वाट्सएप कॉलिंग का अहम क्लू मिला है. वाट्सएप कॉल पर किस नंबर से कितनी देर बात हुई, इसकी जानकारी भी एसआइटी ने लगा ली है.

सूत्रों की मानें, तो डंप कॉल, कॉल लोकेशन व घटनास्थल के दौरान एक्टिव कॉल से बहुत सारी जानकारियां पुलिस को मिली हैं. इनमें एक नंबर पर काफी देर तक बात हुई है. इस नंबर के पीछे हत्या के सारे राज छिपे हो सकते हैं. एसआइटी ने अब तक लगभग 100 लोगों से पूछताछ की है.

घटना से कुछ घंटे पहले वाट्सएप कॉलिंग से 35 मिनट बातचीत

एसआइटी ने आइटी सेल के माध्यम से यह भी पता लगा लिया है कि इस नंबर से कब-कब कितने देर तक वाट्सएप कॉलिंग की गयी है. सूत्रों के अनुसार, एसआइटी अब यह पता करने में जुट गयी है कि आखिर इस नंबर से क्या बात हुई है? टीम ने सारा डाटा साइबर सेल व आइटी सेल से मांगा है. अब इसी डाटा के आधार पर उस नंबर के व्यक्ति से पूछताछ की तैयारी की जा रही है.

संपत्ति, टेंडर के अलावा एक और बिंदु पर टीम की जांच शुरू

पुलिस सूत्रों के अनुसार एसआइटी की जांच शुरू में संपत्ति व टेंडर पर ही केंद्रित थी. लेकिन, अब इसमें एक और नया बिंदु जुड़ गया है. बड़े भाई का किस-किस से संपर्क था? हाल ही में किस टेंडर के लिए कहां गये और किस से डील हुई? इन सारी बातों की जानकारी जुटायी जा रही है.

हत्यारों को पकड़ने को जल्द करें जांच : नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्या के मामले में कहा कि हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस की पूरी टीम मुस्तैदी से काम कर रही है. पूरी सख्ती के साथ जल्द-से-जल्द जांच (इंक्वायरी) की जाये. इस मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा. आइजी और एसएसपी से लेकर पूरी टीम दोषी को पकड़ने के लिए तेजी से काम कर रही है.

दोषियों को स्पीडी ट्रायल के माध्यम से जल्द-से-जल्द सजा दिलायी जायेगी. अपराध के कारणों को भी जानना और समझना जरूरी होता है, जिससे कि असली दोषी को पकड़ा जा सके. मुख्यमंत्री शुक्रवार को आर ब्लॉक-दीघा अटल पथ के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पुलिस मुस्तैदी से काम कर रही है.

जो पुलिस वाले अपनी जिम्मेदारी ठीक ढंग से नहीं निभाते हैं, उन पर भी कार्रवाई होती है. बिहार अपराध के मामले में अभी 23वें स्थान पर है. कहीं किसी की हत्या होती है, तो हत्या करने वालों पर कार्रवाई होती है. उनके लिए कानून बना हुआ है. अनुसंधान का काम संवैधानिक रूप से पुलिस का है. कोर्ट से उन्हें सजा दिलायी जाती है.

मुख्यमंत्री ने बिना नाम लिये राजद सरकार में लालू-राबड़ी के शासनकाल की चर्चा करते हुए कहा कि 2005 के पहले क्या स्थिति थी? कितनी हिंसा होती थी, कितनी अपराध की घटनाएं होती थी? 15 साल के पति-पत्नी के राज में जितनी अपराध की घटनाएं होती थीं, वे किसी से छिपी नहीं हैं. अब जहां कहीं कुछ भी गड़बड़ी होती है, तो एक-एक चीज पर एक्शन होता है.

उन्होंने कहा कि विकास कार्यों की तुलना अपराध के साथ नहीं करें. अपराध पर जितनी कार्रवाई हो रही है, उसे भूलें नहीं. यह दुखद बात है कि किसी की हत्या हो जाती है. हत्या का कोई-न-कोई कारण होता है. पुलिस उसकी जांच करती है और सही अपराधी को पकड़ती है.

अभी जो घटना घटी है, उस पर सही तरीके से जांच करने के लिए स्पेशल टीम बनाकर काम कर रहे हैं. अगर किसी को इस संबंध में कोई सूचना मिलती है, तो पुलिस को इसकी जानकारी जरूरत दें. किसी घटना या किसी हत्या के संबंध में कोई जानकारी मिलती है, तो इसकी जानकारी पुलिस को दें.

सीएम के निर्देश पर डीजीपी का नंबर जारी

सीएम ने निर्देश पर पुलिस मुख्यालय की ओर से लिखित आदेश जारी कर बताया गया कि प्रेस द्वारा पुलिस महानिदेशक से आवश्यक बातचीत, सूचना व जानकारी के लिए फोन नंबर 0612-2294301 / 2294302 और 09431602302 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है. वहीं, डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि फोन नंबर सूचना देने के लिए जारी किया गया है.

हमारे पास सूचना के कई स्रोत हैं, आप भी सूचना दे सकते हैं. वहीं, रूपेश सिंह मामले में उन्होंने कहा कि अभी जांच चल रही है. इस संबंध में आप एडीजी (मुख्यालय) से बात कर सकते हैं. उन्हीं को पुलिस प्रवक्ता बनाया गया है.

वहीं, इस संबंध में कोई जानकारी देंगे. एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने बताया कि रूपेश हत्याकांड को लेकर अभी जांच चल रही है. फिलहाल प्रेस के साथ साझा करने के लिए कुछ नहीं है.

Posted by Ashish Jha

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